आगरा:
आगरा का ताजमहल अब दुबई में भी नजर आ सकता है। इस तरह की रिपोर्ट आ रही है कि वहां भी इसकी प्रतिकृति बनाई जा रही है, जो ताज अरबिया के नाम से जाना जाएगा। लेकिन यह परियोजना यहां के लोगों को नहीं भा रही। उनका कहना है कि इससे इस आध्यात्मिक स्मारक की पवित्रता भंग होगी। साथ ही यहां पर्यटकों की संख्या में भी कमी आ सकती है।
जानकारी के अनुसार, प्रस्तावित ताज आगरा के ताजमहल से चार गुना बड़ा होगा। यह अमीरात रोड पर फालकन सिटी के चार करोड़ 10 लाख वर्गफुट क्षेत्र में बनेगा। इसके वर्ष 2014 तक बन कर तैयार हो जाने की सम्भावना है। इसमें 300 कमरों का पांच सितारा होटल भी होगा।
आगरा के लोग हालांकि इससे खुश नहीं, बल्कि नाराज हैं कि कोई मुगल सम्राट शाहजहां द्वारा अपनी बेगम मुमताज की याद में बनवाए गए 17वीं शताब्दी के इस संगमरमर के स्मारक की मूल आकृति की नकल बनाने की कोशिश कर रहा है।
ऑल इंडिया ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष राकेश शर्मा ने कहा, "यह केवल मूल स्मारक की प्रतिकृति होगी। वे इसके पीछे की रूमानी कहानी, यमुना नदी तथा आगरा का माहौल कहां से लाएंगे?" आगरा के निवासियों का कहना है कि ताज आगरा और भारत से सम्बद्ध है।
पर्यटन उद्योग से जुड़े अभिनव जैन ने कहा, "इसका ब्रांड नाम इस्तेमाल करने के लिए दुबई के निर्माताओं को इस ताज शहर को कम से कम रॉयल्टी देनी चाहिए।"
जैन के अनुसार, ताजमहल किसी भी महल, किला और यहां तक कि एफिल टावर से भी अलग एक विशेष स्मारक है।
दुबई में ताजमहल की प्रतिकृति ताज अरबिया के निर्माण की खबर 'गल्फ न्यूज' में प्रकाशित हुई है। इसमें प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, ताज अरबिया दुनिया का सबसे बड़ा विवाह आयोजन स्थल होगा, जहां युगल एकत्र होंगे।
आगरा के पूर्व विधायक सतीश चंद्र गुप्ता भी दुबई में ताजमहल की प्रतिकृति बनाए जाने से खुश नहीं हैं। इसे बेतुका करार देते हुए उन्होंने कहा, "आप फिर से इतिहास नहीं लिख सकते।"
ब्रज मंडल हेरिटेज कंजरवेशन सोसाइटी ने इस पर अपना विरोध जताते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और भारतीय भूगर्भ सर्वेक्षण (एएसआई) को पत्र भी लिखा है।
सोसाइटी के अध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा ने कहा, "दुबई के निर्मार्ताओं को इस परियोजना पर काम नहीं करना चाहिए। इससे हमारी भावनाएं आहत होती हैं।"
ताज की देखभाल करने वाले मुंजार अली ने कहा कि किसी को भी इसमें संदेह नहीं रहना चाहिए कि ताजमहल लाखों लोगों के लिए आध्यात्मिक स्थान है।
जानकारी के अनुसार, प्रस्तावित ताज आगरा के ताजमहल से चार गुना बड़ा होगा। यह अमीरात रोड पर फालकन सिटी के चार करोड़ 10 लाख वर्गफुट क्षेत्र में बनेगा। इसके वर्ष 2014 तक बन कर तैयार हो जाने की सम्भावना है। इसमें 300 कमरों का पांच सितारा होटल भी होगा।
आगरा के लोग हालांकि इससे खुश नहीं, बल्कि नाराज हैं कि कोई मुगल सम्राट शाहजहां द्वारा अपनी बेगम मुमताज की याद में बनवाए गए 17वीं शताब्दी के इस संगमरमर के स्मारक की मूल आकृति की नकल बनाने की कोशिश कर रहा है।
ऑल इंडिया ब्राह्मण महासभा के अध्यक्ष राकेश शर्मा ने कहा, "यह केवल मूल स्मारक की प्रतिकृति होगी। वे इसके पीछे की रूमानी कहानी, यमुना नदी तथा आगरा का माहौल कहां से लाएंगे?" आगरा के निवासियों का कहना है कि ताज आगरा और भारत से सम्बद्ध है।
पर्यटन उद्योग से जुड़े अभिनव जैन ने कहा, "इसका ब्रांड नाम इस्तेमाल करने के लिए दुबई के निर्माताओं को इस ताज शहर को कम से कम रॉयल्टी देनी चाहिए।"
जैन के अनुसार, ताजमहल किसी भी महल, किला और यहां तक कि एफिल टावर से भी अलग एक विशेष स्मारक है।
दुबई में ताजमहल की प्रतिकृति ताज अरबिया के निर्माण की खबर 'गल्फ न्यूज' में प्रकाशित हुई है। इसमें प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, ताज अरबिया दुनिया का सबसे बड़ा विवाह आयोजन स्थल होगा, जहां युगल एकत्र होंगे।
आगरा के पूर्व विधायक सतीश चंद्र गुप्ता भी दुबई में ताजमहल की प्रतिकृति बनाए जाने से खुश नहीं हैं। इसे बेतुका करार देते हुए उन्होंने कहा, "आप फिर से इतिहास नहीं लिख सकते।"
ब्रज मंडल हेरिटेज कंजरवेशन सोसाइटी ने इस पर अपना विरोध जताते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और भारतीय भूगर्भ सर्वेक्षण (एएसआई) को पत्र भी लिखा है।
सोसाइटी के अध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा ने कहा, "दुबई के निर्मार्ताओं को इस परियोजना पर काम नहीं करना चाहिए। इससे हमारी भावनाएं आहत होती हैं।"
ताज की देखभाल करने वाले मुंजार अली ने कहा कि किसी को भी इसमें संदेह नहीं रहना चाहिए कि ताजमहल लाखों लोगों के लिए आध्यात्मिक स्थान है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं