प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
अंतरिक्ष से आई एक रहस्यमयी आवाज को लेकर दुनियाभर की ऑब्जर्वेटरिज़ में एक सनसनी-सी मची है और वैज्ञानिक इसकी तस्दीक और स्रोत की पहचान करने में जुटे हैं. यह सिग्नल एक रूसी प्रयोगशाला के एक रेडियो टेलीस्कोप ने 15 मई, 2015 को रिसीव किया था, जो धरती से करीब 95 प्रकाशवर्ष दूर एक तारे HD 16495 से यहां तक पहुंचा.
वैज्ञानिकों को भरोसा है कि इस तरह के स्पष्ट सिग्नल सिर्फ कोई विकसित सभ्यता से ही भेज सकता है. क्योंकि इस तरह के रेडियो सिग्नल किसी विकसित यंत्र से ही निकल सकते हैं. इस नई रिपोर्ट से अमेरिका की संस्था SETI ने उस तारे पर नज़र रखना शुरू किया लेकिन कुछ हासिल नहीं कर सके, हालांकि उनकी नजर अभी भी बनी हुई है.
धरती के अलावा ब्रह्मांड में दूसरी जगह जीवन की तलाश तो होती रही है, लेकिन अभी तक इसमें कामयाबी नहीं मिल सकी है.
वैज्ञानिकों को भरोसा है कि इस तरह के स्पष्ट सिग्नल सिर्फ कोई विकसित सभ्यता से ही भेज सकता है. क्योंकि इस तरह के रेडियो सिग्नल किसी विकसित यंत्र से ही निकल सकते हैं. इस नई रिपोर्ट से अमेरिका की संस्था SETI ने उस तारे पर नज़र रखना शुरू किया लेकिन कुछ हासिल नहीं कर सके, हालांकि उनकी नजर अभी भी बनी हुई है.
धरती के अलावा ब्रह्मांड में दूसरी जगह जीवन की तलाश तो होती रही है, लेकिन अभी तक इसमें कामयाबी नहीं मिल सकी है.
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