(तस्वीर सौजन्य - रॉयटर्स)
सासेबो, जापान:
होटल के रिसेप्शन पर चेक-इन,चेक-आउट करने से लेकर आपका सामान कमरे में पहुंचाने तक, यहां हर काम रोबोट करता है। जापान के 'वियर्ड होटल' में आपका स्वागत है जहां लागत को बचाने के लिए लगभग हर काम रोबोट से करवाया जाता है। इस होटल को चलाने वाले हिडियो सवाडा का मानना है कि रोबोट का इस्तेमाल सिर्फ ध्यान बटोरने के लिए नहीं किया जा रहा, ये तो टैक्नॉलॉजी का भरपूर इस्तेमाल करने के लिए उठाया गया एक जरुरी कदम है।
लेकिन थोड़ा संभलकर..क्योंकि अंग्रेजी में बोलने वाली रिसेपश्निस्ट रोबोट को देखकर डायनोसॉर की याद आ सकती है जो आपसे कहेगी "चेक-इन के लिए 1 दबाइए।" इसके बाद मेहमान को एक बटन दबाना होगा और अपनी जानकारी एक टच पैनल स्क्रीन पर भरनी होगी। जनता के लिए इस होटल को खोलने से पहले बुधवार को इसे पत्रकारों को दिखाया गया।
जापानी में इसका नाम हेन ना होटल है और इसकी एक और ख़ासियत है, यहां इस्तेमाल की जाने वाली फेशियल रिकग्निशन टैक्नॉलॉजी यानि चेहरे को पहचानने वाली तकनीक। चेक-इन के दौरान इलेक्ट्रॉनिक चाबियां देने के बजाय यहां मेहमान के चेहरे की डिजिटल इमेज रजिस्टर हो जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर आपसे चाबी घूम गई तो रोबोट शायद उसे ढूंढ नहीं पाएंगे। इसलिए होटल ने चाबी का झंझट ही नहीं रखा।
इसके अलावा होटल में रोबोट क्लौक रूम भी है जहां एक रोबिटक हाथ की मदद से आप अपना सामान लॉकर में रख सकते हैं। सवाडा की कोशिश है कि उनके होटल में कुछ नयापन नज़र आए, साथ ही वह लगातार बढ़ रही होटल की कीमतों के बारे में भी कुछ करना चाहते हैं। तभी तो जहां हेन ना होटल में आप 80 डॉलर में ठहर सकते हैं, वहीं दूसरे होटल के लिए आपको दो या तीन गुना कीमत चुकानी पड़ सकती है।
गौरतलब है कि रोबोटिक टैक्नॉलॉजी में जापान का कोई सानी नहीं है। यहां की सरकार मानती है कि तरक्की के लिए रोबोटिक्स को दरकिनार नहीं किया जा सकता है। उत्पादन में तो रोबोट्स का इस्तेमाल पहले से ही हो रहा है लेकिन अब इस देश में इंसानों से बातचीत करने और बुज़ुर्गों का ख्याल रखने के लिए भी रोबोट्स का इस्तेमाल करना चाहता है।
हालांकि रोबोट से लैस इस होटल में सुरक्षा के लिए अभी भी इंसानों का ही सहारा लिया जा रहा है। इस होटल में सुरक्षा कैमरा लगे हुए हैं जिस पर नज़र रखने के लिए कुछ लोगों को तैनात कर रखा है क्योंकि मेहमानों की सुरक्षा को लेकर किसी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता है। वैसे इन रोबोट्स को बिस्तर लगाना भी नहीं आता।
इसके अलावा होटल के कमरे में एक लैंप के साइज़ का रोबोट मौजूद होगा जो आपके साधारण से सवालों का जवाब दे पाएगा जैसे टाइम क्या हुआ है और कल का मौसम कैसा रहेगा। आप इसे कमरे की बत्ती बुझाने के लिए भी कह सकते हैं क्योंकि दीवारों पर किसी तरह के स्विच नहीं दिखाई देंगे। फिलहाल सवाडा पूरे होटल को बुक नहीं करने वाले क्योंकि वह किसी तरह की गलती की गुंजाइश नहीं रखना चाहते। वैसे भी इतनी बड़ी जिम्मेदारी उठाने से पहले रोबोट्स भी तो थोड़े नर्वस होंगे ना...
लेकिन थोड़ा संभलकर..क्योंकि अंग्रेजी में बोलने वाली रिसेपश्निस्ट रोबोट को देखकर डायनोसॉर की याद आ सकती है जो आपसे कहेगी "चेक-इन के लिए 1 दबाइए।" इसके बाद मेहमान को एक बटन दबाना होगा और अपनी जानकारी एक टच पैनल स्क्रीन पर भरनी होगी। जनता के लिए इस होटल को खोलने से पहले बुधवार को इसे पत्रकारों को दिखाया गया।
जापानी में इसका नाम हेन ना होटल है और इसकी एक और ख़ासियत है, यहां इस्तेमाल की जाने वाली फेशियल रिकग्निशन टैक्नॉलॉजी यानि चेहरे को पहचानने वाली तकनीक। चेक-इन के दौरान इलेक्ट्रॉनिक चाबियां देने के बजाय यहां मेहमान के चेहरे की डिजिटल इमेज रजिस्टर हो जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर आपसे चाबी घूम गई तो रोबोट शायद उसे ढूंढ नहीं पाएंगे। इसलिए होटल ने चाबी का झंझट ही नहीं रखा।
इसके अलावा होटल में रोबोट क्लौक रूम भी है जहां एक रोबिटक हाथ की मदद से आप अपना सामान लॉकर में रख सकते हैं। सवाडा की कोशिश है कि उनके होटल में कुछ नयापन नज़र आए, साथ ही वह लगातार बढ़ रही होटल की कीमतों के बारे में भी कुछ करना चाहते हैं। तभी तो जहां हेन ना होटल में आप 80 डॉलर में ठहर सकते हैं, वहीं दूसरे होटल के लिए आपको दो या तीन गुना कीमत चुकानी पड़ सकती है।
गौरतलब है कि रोबोटिक टैक्नॉलॉजी में जापान का कोई सानी नहीं है। यहां की सरकार मानती है कि तरक्की के लिए रोबोटिक्स को दरकिनार नहीं किया जा सकता है। उत्पादन में तो रोबोट्स का इस्तेमाल पहले से ही हो रहा है लेकिन अब इस देश में इंसानों से बातचीत करने और बुज़ुर्गों का ख्याल रखने के लिए भी रोबोट्स का इस्तेमाल करना चाहता है।
हालांकि रोबोट से लैस इस होटल में सुरक्षा के लिए अभी भी इंसानों का ही सहारा लिया जा रहा है। इस होटल में सुरक्षा कैमरा लगे हुए हैं जिस पर नज़र रखने के लिए कुछ लोगों को तैनात कर रखा है क्योंकि मेहमानों की सुरक्षा को लेकर किसी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता है। वैसे इन रोबोट्स को बिस्तर लगाना भी नहीं आता।
इसके अलावा होटल के कमरे में एक लैंप के साइज़ का रोबोट मौजूद होगा जो आपके साधारण से सवालों का जवाब दे पाएगा जैसे टाइम क्या हुआ है और कल का मौसम कैसा रहेगा। आप इसे कमरे की बत्ती बुझाने के लिए भी कह सकते हैं क्योंकि दीवारों पर किसी तरह के स्विच नहीं दिखाई देंगे। फिलहाल सवाडा पूरे होटल को बुक नहीं करने वाले क्योंकि वह किसी तरह की गलती की गुंजाइश नहीं रखना चाहते। वैसे भी इतनी बड़ी जिम्मेदारी उठाने से पहले रोबोट्स भी तो थोड़े नर्वस होंगे ना...
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