...इसलिए सांपों ने खो दिए अपने पैर, 90 लाख साल पुराने जीवाश्म से मिली अहम जानकारी

...इसलिए सांपों ने खो दिए अपने पैर, 90 लाख साल पुराने जीवाश्म से मिली अहम जानकारी

प्रतीकात्मक चित्र

लंदन:

लोगों के दिमाग में अक्सर यह सवाल उठता है कि सांपों के पैर क्यों नहीं होते, लेकिन किसी को इस सवाल का जवाब नहीं मालूम। सांप जीवाश्म के नए अध्ययन ने इस सवाल का जवाब दिया है। वैज्ञानिकों को 90 लाख साल पुराने सांप के अवशेष से उनके विकास के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली है।

वैज्ञानिकों ने आधुनिक सांपों और अवशेष के सीटी स्कैन का तुलनात्मक अध्ययन किया। इससे पता चला कि वर्तमान में सांपों के पैर न होने के पीछे उनके पूर्वज जिम्मेदार हैं। एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी के मुख्य शोधकर्ता होंग्यु यी के अनुसार, "सांपों ने अपने पैर कैसे खो दिए यह लंबे समय से वैज्ञानिकों के लिए एक रहस्य रहा है, लेकिन इस अध्ययन से हम अंदाजा लगा सकते हैं कि इसकी वजह सांपों के पूर्वजों का बिलों में रहना है।"

बिल में रहने की वजह से सांपों को रेंगने की आदत पड़ गई और उन्होंने पैरों का उपयोग करना बंद कर दिया। शायद इसी वजह से उनके पैर पीढ़ी-दर-पीढ़ी गायब होते चले गए। वैज्ञानिकों ने 3 मीटर लंबी क्रेटेशियस सांपों की विलुप्त प्रजाति डिनिलिसया पैटागोनिका के कान की भीतरी हड्डी का सीटी स्कैन से परीक्षण किया। इससे पता चला कि आधुनिक सांपों के समान डिनिलिसया पैटागोनिका की गुहा (कैविटी) और नली (कैनाल) सांपों की सुनने की शक्ति को नियंत्रित करती थी।

वैज्ञानिकों ने एक 3डी मॉडल की सहायता से जीवाश्म के कानों के अंदरूनी अंगों की तुलना आधुनिक सांपों के अंगों के साथ की। इसके बाद इन्होंने अवशेष के कान में एक विशेष संरचना को पाया जो इन्हें शिकार और शिकारियों का पता लगाने में मदद करती थी। यह संरचना पानी और जमीन में रहने वाले आधुनिक सांपों में मौजूद नहीं है।

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

इन निष्कर्षों से वैज्ञानिकों को सांपों के विकास संबंधी जानकारी मिली और साथ ही इस बात की पुष्टि भी हो गई कि डिनिलिसया पैटागोनिका ही बिलों में रहने वाला सबसे लंबा सांप था। यह अध्ययन 'साइंस एडवांसेज' नामक पत्रिका में प्रकाशित हुई है।