न्यूजीलैंड में एकमात्र दुर्लभ सफेद कीवी की 27 दिसम्बर को मौत हो गई है. उसका नाम ‘मनुकुरा था. मनुकुरा की मौत पेट संबंधी एक सर्जरी के हुई. बता दें कि आमतौर पर न्यूजीलैंड में पाए जाने वाले कीवी भूरे रंग के होते हैं. लेकिन 2011 में विशेषज्ञों के संरक्षण में हुई हैचिंग से मनुकुरा का जन्म हुआ और वह बर्फ सी सफेद थी. मनुकुरा की मौत की जानकारी न्यूजीलैंड के पुकाहा वाइल्ड लाइफ सेंटर ने सोशल मीडिया पर दी है. उन्होंने मुनुकुरा की फोटो के साथ एक मैसेज के साथ इस बात की जानकारी ही है.
पुकाहा वाइल्ड लाइफ सेंटर के मुताबिक, मनुकुरा के पेट में एक अंडा था, जो अनफर्टिलाइज था. उस अंडे को हटाने के लिए सर्जरी जरूरी थी. अभी कुछ दिन पहले ही मनुकुरा की कई माइनर सर्जरीज भी हुईं. ऑपरेशन के बाद वह ठीक थी, लेकिन फिर धीरे-धीरे उसकी हालत बिगड़ती चली गई और आखिरकार उसकी मौत हो गई. बता दें कि मनुकुरा की मौत पर पुकाहा वाइल्ड लाइफ सेंटर के साथ इलाके के आदिवासी समुदाय ने गहरा दुख जताया है.
मनुकुरा का जन्म मई 2011 में पुकाहा माउंट ब्रूस वाइल्ड लाइफ सेंटर में हुआ था. वाइल्ड लाइफ कर्मियों को कीवी का एक अंडा मिला था. विशेषज्ञों की देखरेख में अंडे की हैचिंग कराई गई. इस दौरान बच्चे में दुर्लभ आनुवंशिक बदलाव हुए और वह भूरे रंग के बजाय सफेद रंग का हो गया. जिसका नाम मनुकुरा रखा गया. स्थानीय आदिवासी समाज ने इसे ईश्वर का आशीर्वाद माना था. कीवी न्यूजीलैंड का राष्ट्रीय पक्षी भी है. इसकी खास बात ये है कि अपने हल्के फर नुमा पंखों के चलते यह दुनिया का एक मात्र पक्षी है जो उड़ नहीं सकता.
न्यूजीलैंड के मशहूर बाल लेखक जॉय काउली ने मनुकुरा को कई कहानियों में जगह दी थी। मनुकुरा, न्यूजीलैंड के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र थी. वाइल्ड लाइफ प्रेमियों को मनुकुरा बेहद पसंद थी. दूर दूर से लोग उसे देखने आते थे. पुकाहा के महाप्रबंधक एमिली कोर्ट ने कहा, कि “मनुकुरा हमारे परिवार का हिस्सा थी, उसका होना हमारे लिए आशीर्वाद था, हम बेहद दुःखी हैं”.
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