नई दिल्ली:
दिल्ली की एक अदालत ने मां से बलात्कार करने वाले युवक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने कहा कि युवक ने इस ‘घृणित’ कृत्य से मनुष्य और पशुओं के बीच के अंतर को समाप्त करने का प्रयास किया है।
अदालत ने नंद किशोर को सजा सुनाते हुए कहा कि दोषी ठहराए गए नंद किशोर पर इससे पहले पिता की हत्या के आरोप में मुकदमा चला था। लेकिन अदालत ने उसे बरी कर दिया था और वह जेल से छूट गया था। इस वर्ष की शुरुआत में जेल से बाहर आने के बाद उसने अपनी मां से बलात्कार किया।
अदालत ने कहा कि दोषी किसी भी तरह की दया के काबिल नहीं है और उसके खिलाफ यदि कोई उदारता दिखाई गई तो इसका गलत अर्थ निकाला जाएगा क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने भी कहा है कि यौन अपराधों के मामलों में उदारता ना केवल अवांछनीय है बल्कि यह जनहित के भी खिलाफ है।
अदालत ने नंद किशोर को सजा सुनाते हुए कहा कि दोषी ठहराए गए नंद किशोर पर इससे पहले पिता की हत्या के आरोप में मुकदमा चला था। लेकिन अदालत ने उसे बरी कर दिया था और वह जेल से छूट गया था। इस वर्ष की शुरुआत में जेल से बाहर आने के बाद उसने अपनी मां से बलात्कार किया।
अदालत ने कहा कि दोषी किसी भी तरह की दया के काबिल नहीं है और उसके खिलाफ यदि कोई उदारता दिखाई गई तो इसका गलत अर्थ निकाला जाएगा क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने भी कहा है कि यौन अपराधों के मामलों में उदारता ना केवल अवांछनीय है बल्कि यह जनहित के भी खिलाफ है।
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