जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा (Pulwama Terror) में गुरुवार को हुए आतंकी हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवान और बिहार के भागलपुर के 'रत्न' रतन कुमार ठाकुर (Ratan Kumar Thakur) भी शहीद हो गए हैं. ठाकुर (Ratan Kumar Thakur) की गर्भवती पत्नी राजनंदिनी देवी को इस बात का मलाल है कि वह उनसे जी भरकर बात भी नहीं कर सकी थीं और वह पूरे परिवार को छोड़कर चले गए. रतन के शहीद होने की खबर के बाद भागलपुर (Bhagalpur) शहर के लोदीपुर मुहल्ला स्थित उनके आवास पर लोगों का तांता लगा हुआ है. लोग भले ही परिवार को ढांढस बंधा रहे हैं, परंतु लोगों की आंखें भी नम हैं.
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Budgam: Union Ministers Rajnath Singh and J&K DGP Dilbagh Singh lend a shoulder to mortal remains of a CRPF soldier. #PulwamaAttack pic.twitter.com/hF5CmYb1yR
— ANI (@ANI) February 15, 2019
भागलपुर के कहलगांव के रतनपुर गांव के रहने वाले रतन का पूरा परिवार इन दिनों भागलपुर शहर के लोदीपुर मोहल्ले में किराए के मकान में रहता है. घर पर जवान की पत्नी राजनंदिनी देवी और चार साल का बेटा कृष्णा है. छह माह की गर्भवती राजनंदिनी बताती हैं, 'जब वह बस से श्रीनगर जा रहे थे, उन्होंने फोनकर बात की थी. परंतु रास्ते में नेटवर्क के कारण पूरी बात नहीं हो पा रही थी. तब उन्होंने कहा था कि श्रीनगर पहुंचकर बात करूंगा. इसके बाद तो उनका फोन नहीं आया, परंतु पिताजी के फोन पर एक मनहूस खबर आ गई.'
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#WATCH Union Home Minister Rajnath Singh, J&K Governor Satya Pal Malik and Army's Northern Command chief Lt Gen Ranbir Singh in Budgam, pay tribute to CRPF personnel who lost their lives in #PulwamaAttack pic.twitter.com/woCNZNGvzS
— ANI (@ANI) February 15, 2019
इस खबर को सुनने के बाद पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया है. रोती-बिलखती राजनंदिनी को मलाल रह गया कि वह आने वाले बच्चे का मुंह भी नहीं देख सके. वह कहती हैं कि 'आखिर हमलोगों से क्या गलती हो गई, जो भगवान ने हमें यह दिन दिखाया.' अपने अनमोल रतन को खोने का दर्द शहीद के पिता निरंजन कुमार ठाकुर के चेहरे पर साफ दिख रहा है. पुत्र के शहीद होने की खबर बाद निरंजन के भीतर अपनी पत्नी के जाने का गम भी जिंदा हो उठा.
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वह कहते हैं, 'रतन ने अपनी बीमार मां को बचाने के लिए पानी की तरह पैसा बहाया था, परंतु हमलोग उसे बचा नहीं सके थे.' वह कहते हैं, "अपनी मां के जाने के बाद रतन ने पूरे परिवार की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले ली थी. परंतु इस हादसे ने रतन को भी हमसे छीन लिया.' निरंजन एक तस्वीर हाथों में लिए बेचैनी में अपने घर में चहलकदमी कर रहे हैं. उन्हें नहीं पता कि आने वालों से क्या बात करें?
अचानक फोटो दिखाते हुए कह उठते हैं, 'रतन पिछले वर्ष यानी 2018 में जब घर आया था, तब परिवार के साथ फोटो बनवाया था. पूरे घर को खूबसूरती से सजाया था. अब इस घर को कौन सहेजेगा, कौन संवारेगा?' रतन के भाई मिलन को भी अपने भाई के खोने का गम है. वह कहते हैं कि प्रारंभ से ही रतन में देश के प्रति कुछ करने की तमन्ना थी. रतन को समय का पाबंद बताते हुए मिलन ने कहा कि वह सारे काम समय से निपटाते थे.
शहीद के पिता ने बताया कि वे लोग अपने गांव से बच्चों को पढ़ाने के लिए मार्च 2018 में भागलपुर आ गए थे. उन्होंने बताया कि "रतन के अलावा एक और बेटा मिलन ठाकुर है, जो बीए में पढ़ता है. दो बेटियां हैं. रतन की पत्नी, बच्चे सबलोग एक साथ रहते हैं.' जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा जिले में हुए आतंकी हमले में बिहार के रतन के अलावा पटना के मसौढ़ी के तारेगना गांव निवासी संजय कुमार सिन्हा ने भी अपनी शहादत दी है.
(इनपुट-आईएएनएस)
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