वाशिंगटन:
नासा का अंतरिक्षयान कासिनी शनि के चारों ओर रोमांचकारी ढंग से चक्कर लगाने के लिए तैयार है. यह इसके बाहरी छल्लों के पास से होता हुआ गुजरेगा और ग्रह के बारे में बेहद करीबी जानकारी उपलब्ध करवाएगा.
कासिनी नामक अंतरिक्षयान 30 नवंबर से 22 अप्रैल के बीच शनि के ध्रुवों के ऊपर और नीचे से होकर गुजरेगा और कुल 20 बार मुख्य छल्लों के बाहरी छोर के उस क्षेत्र से होकर गुजरेगा, जिसका अन्वेषण अभी तक नहीं किया जा सका है.
आगामी 30 नवंबर को शनि के उपग्रह टाइटन की ओर से गुरूत्वीय धक्के के बाद कासिनी अभियान के अंतिम दौर के पहले चरण में प्रवेश करेगा.
वर्ष 1997 में प्रक्षेपित कासिनी वर्ष 2004 में वहां पहुंचने के बाद से शनि की यात्रा कर रहा है. यह शनि, उसके छल्लों और उसके उपग्रहों का अध्ययन करने गया है.
अपनी यात्रा के दौरान कासिनी ने कई नाटकीय खोजें की हैं, जिनमें टाइटन पर द्रव्य रूप में मौजूद मीथेन के समुद्र मिलना शामिल है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
कासिनी नामक अंतरिक्षयान 30 नवंबर से 22 अप्रैल के बीच शनि के ध्रुवों के ऊपर और नीचे से होकर गुजरेगा और कुल 20 बार मुख्य छल्लों के बाहरी छोर के उस क्षेत्र से होकर गुजरेगा, जिसका अन्वेषण अभी तक नहीं किया जा सका है.
आगामी 30 नवंबर को शनि के उपग्रह टाइटन की ओर से गुरूत्वीय धक्के के बाद कासिनी अभियान के अंतिम दौर के पहले चरण में प्रवेश करेगा.
वर्ष 1997 में प्रक्षेपित कासिनी वर्ष 2004 में वहां पहुंचने के बाद से शनि की यात्रा कर रहा है. यह शनि, उसके छल्लों और उसके उपग्रहों का अध्ययन करने गया है.
अपनी यात्रा के दौरान कासिनी ने कई नाटकीय खोजें की हैं, जिनमें टाइटन पर द्रव्य रूप में मौजूद मीथेन के समुद्र मिलना शामिल है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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