अध्ययन में खुलासा, भारत के इस शहर में सबसे ज्यादा तनाव में रहते हैं पेशेवर

एक ऑनलाइन डॉक्टर परामर्श मंच लीब्रेट द्वारा किए गए अध्ययन में पता चला है कि प्रथम श्रेणी के शहरों में लगभग 60 फीसदी कामकाजी पेशेवर तनाव ग्रस्त हैं.

अध्ययन में खुलासा, भारत के इस शहर में सबसे ज्यादा तनाव में रहते हैं पेशेवर

प्रतीकात्मक तस्वीर.

खास बातें

  • दिल्ली के 27 फीसदी पेशेवर रहते हैं तनाव में
  • तंग समय सीमा और लक्ष्य पूरा न कर पाना मुख्य कारण
  • ऑनलाइन डॉक्टर परामर्श मंच लीब्रेट ने किया अध्ययन
नई दिल्ली:

एक अध्ययन में इस बात का पता चला है कि मुंबई के 31 फीसदी कामकाजी पेशेवर तनाव से ग्रस्त हैं. एक ऑनलाइन डॉक्टर परामर्श मंच लीब्रेट द्वारा किए गए अध्ययन में पता चला है कि प्रथम श्रेणी के शहरों में लगभग 60 फीसदी कामकाजी पेशेवर तनाव ग्रस्त हैं.
 
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इसमें दिल्ली (27 फीसदी), बेंगलुरु (14 फीसदी), हैदराबाद (11 फीसदी), चेन्नई (10 फीसदी) और कोलकाता (7 फीसदी) शामिल हैं. तंग समय सीमा, लक्ष्य पूरा न कर पाना, दबाव से निपटना, कार्यालय की राजनीति, लंबे समय तक काम करने वाला समय, उदासीन और असंबद्ध प्रबंधकों और काम-जीवन संतुलन कामकाजी पेशेवरों की मुख्य चिंताएं हैं. लीब्रेट के सीईओ और संस्थापक सौरभ अरोड़ा ने कहा, 'लोग तनाव को लेकर अपने परिवार और दोस्तों से बात करने में असहज महसूस करते हैं. हालांकि स्वास्थ्य के नजरिए से यह जरूरी है कि वह अपने अंदर की हताशा और अपनी भावनाओं का इजहार करें.

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अरोड़ा ने कहा, आपको यह पता लगाना जरूरी है कि आपको क्या परेशान कर रहा है और तनाव का कारण क्या है, जिससे प्रभावी तौर से निपटा जा सके. लंबे समय से जारी तनावर्पूण भावनाएं गंभीर स्वास्थ्य का कारण बन सकती हैं. अध्ययन में पता चला है कि मीडिया और पब्लिक रिलेशन (22 फीसदी), बीपीओ (17 फीसदी), ट्रैवल और टूरिज्म (9 फीसदी) और एडवरटाइजिंग और इवेंट मैनेजमेंट (8 फीसदी) की तुलना में सेल्स और मार्केटिंग क्षेत्र से संबंधित कामकाजी पेशेवर (24 फीसदी) अधिक तनाव ग्रस्त रहते हैं. 

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अध्ययन के लिए, लीब्रेट की टीम ने 10 अक्टूबर 2016 से लेकर 12 महीने की अवधि के दौरान डॉक्टरों के साथ मिलकर एक मंच पर एक लाख से ज्यादा कामकाजी पेशेवरों से बातचीत का विश्लेषण किया.


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