भोपाल:
स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन के मौके पर मध्य प्रदेश सरकार का सूर्य नमस्कार कार्यक्रम पूरे राज्य में एक साथ हुआ। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाथ के ऑपरेशन के बावजूद इसमें हिस्सा लिया।
राज्य सरकार की कोशिश थी कि राज्य भर में सूर्य नमस्कार में इतने लोग शामिल हों कि विश्व रिकॉर्ड बन जाए और इसे गिनीज बुक में जगह मिले। आकाशवाणी से सूर्य नमस्कार एक साथ शुरू और खत्म करने की घोषणा की गई।
राज्यभर में 6,000 स्कूलों ने इसमें हिस्सा लिया। हालांकि कुछ मुस्लिम नेताओं ने इसे धार्मिक कार्यक्रम बताते हुए इसका विरोध किया। भोपाल की अरेरा कॉलोनी क्षेत्र स्थित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय परिसर में आयोजित सूर्य नमस्कार में ट्रैक सूट में पहुंचे चौहान ने बच्चों के साथ सभी आसन किया। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि सूर्य नमस्कार एक व्यायाम है, जो शरीर को स्वस्थ्य रखता है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का वास होता है, लिहाजा व्यायाम आवश्यक है और इसीलिए राज्य सरकार ने सूर्य नमस्कार का आयोजन किया।
इसी तरह राज्य के अन्य हिस्सों में सामूहिक सूर्य नमस्कार का आयोजन किया गया, जिसमें कई मंत्रियों ने भी हिस्सा लिया। राज्य सरकार ने सूर्य नमस्कार के जरिए विश्व रिकॉर्ड बनाने की तैयारी की थी। वहीं दूसरी ओर ईसाई व मुस्लिम संगठनों ने इस आयोजन का विरोध करते हुए इसे शिक्षा के भगवाकरण का प्रयास बताया था। कुछ मुस्लिम धर्म गुरुओं ने तो इस आयोजन के विरोध में फतवा तक जारी कर दिया था।
(इनपुट एजेंसियों से भी)
राज्य सरकार की कोशिश थी कि राज्य भर में सूर्य नमस्कार में इतने लोग शामिल हों कि विश्व रिकॉर्ड बन जाए और इसे गिनीज बुक में जगह मिले। आकाशवाणी से सूर्य नमस्कार एक साथ शुरू और खत्म करने की घोषणा की गई।
राज्यभर में 6,000 स्कूलों ने इसमें हिस्सा लिया। हालांकि कुछ मुस्लिम नेताओं ने इसे धार्मिक कार्यक्रम बताते हुए इसका विरोध किया। भोपाल की अरेरा कॉलोनी क्षेत्र स्थित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय परिसर में आयोजित सूर्य नमस्कार में ट्रैक सूट में पहुंचे चौहान ने बच्चों के साथ सभी आसन किया। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि सूर्य नमस्कार एक व्यायाम है, जो शरीर को स्वस्थ्य रखता है। उन्होंने कहा कि स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का वास होता है, लिहाजा व्यायाम आवश्यक है और इसीलिए राज्य सरकार ने सूर्य नमस्कार का आयोजन किया।
इसी तरह राज्य के अन्य हिस्सों में सामूहिक सूर्य नमस्कार का आयोजन किया गया, जिसमें कई मंत्रियों ने भी हिस्सा लिया। राज्य सरकार ने सूर्य नमस्कार के जरिए विश्व रिकॉर्ड बनाने की तैयारी की थी। वहीं दूसरी ओर ईसाई व मुस्लिम संगठनों ने इस आयोजन का विरोध करते हुए इसे शिक्षा के भगवाकरण का प्रयास बताया था। कुछ मुस्लिम धर्म गुरुओं ने तो इस आयोजन के विरोध में फतवा तक जारी कर दिया था।
(इनपुट एजेंसियों से भी)
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