
Leopard rescue drone video: वन विभाग द्वारा हाल ही में रेस्क्यू किए गए एक तेंदुए का वीडियो सोशल मीडिया पर दिल जीत रहा है. वीडियो में तेंदुआ जंगल में छोड़े जाने के कुछ ही पलों बाद एक नदी को तेजी से तैरता हुआ पार करता दिख रहा है. यह दुर्लभ दृश्य भारतीय वन सेवा (IFS) अधिकारी परवीन कासवान ने अपने सोशल मीडिया पर साझा किया है, जिसमें ड्रोन कैमरे से इस पल को कैद किया गया.
नदी में तैरते तेंदुए का ड्रोन वीडियो (leopard swimming scene)
करीब 1 मिनट की इस क्लिप में, तेंदुआ अपने मजबूत पंजों से पानी को चीरता हुआ सूखी ज़मीन की ओर बढ़ता है. जैसे ही वो नदी पार करता है, उसकी बेचैनी और ताकत दोनों साफ झलकती हैं. यह वीडियो केवल एक वन्यजीव की तैराकी नहीं है, बल्कि जंगल में उसकी वापसी और आज़ादी की कहानी है. IFS अधिकारी कासवान ने वीडियो के कैप्शन में लिखा, जब यह तेंदुआ नदी तैरता हुआ देखा गया, ड्रोन मॉनिटरिंग के जरिए. माइक्रो ड्रोन्स का उपयोग निगरानी और शिकार रोधी कार्यों में किया जाता है. इस तेंदुए को रेस्क्यू के बाद छोड़ा गया था और इसकी निगरानी की जा रही थी.
यहां देखें वीडियो
When this #leopard swimming through #river was documented. Through a monitoring drone. Micro drones are used for keeping a watch and doing anti poaching duties. This leopard was released after rescue, hence being monitored and guided. pic.twitter.com/znTdsJncKC
— Parveen Kaswan, IFS (@ParveenKaswan) July 12, 2025
रेस्क्यू के बाद जंगल में छोड़ा गया तेंदुआ (Praveen Kaswan leopard video)
वीडियो वायरल होने के बाद लोगों ने इसे लेकर गहरी भावनाएं जाहिर कीं. किसी ने तेंदुए की ताकत और हिम्मत की तारीफ की तो किसी ने भारतीय जंगलों की सुंदरता पर खुशी जताई. एक यूज़र ने लिखा, इतना सुंदर जानवर और इतनी साफ नदी, अद्भुत नज़ारा है. वहीं दूसरे ने कहा, यही हैं असली खज़ाने- हमारे जंगल, नदियां, जानवर और पहाड़. कुछ लोगों ने यह भी बताया कि तेंदुए अक्सर तैरते नहीं हैं, जब तक कि ज़रूरत न हो. यह तेंदुआ शायद अपने नए क्षेत्र में तनाव महसूस कर रहा हो, लेकिन समय के साथ सब सामान्य हो जाएगा.
तेंदुए की अद्भुत तैराकी का नज़ारा (leopard river crossing)
पिछले साल पर्यावरण मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में तेंदुओं की कुल संख्या लगभग 13,874 है, जिसमें मध्य प्रदेश में सबसे ज़्यादा (3,907) तेंदुए हैं. इसके बाद महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु में इनकी संख्या क्रमश: ज़्यादा है. यह वीडियो न सिर्फ एक वन्यजीव के संघर्ष की झलक दिखाता है, बल्कि यह भी याद दिलाता है कि हमारी ज़िम्मेदारी है इन खज़ानों की रक्षा करना.
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