
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2017: बांग्लादेश के चटगांव शहर में 45 साल की मोसम्मत को लोग 'क्रेजी आंटी' के नाम से भी जानते हैं.
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
पांच साल से रिक्शा चलाकर अपने तीन बच्चों को पाल रही है यह महिला.
रिक्शा चलाकर रोजाना 500 रुपए तक कमा लेती है मोसम्मत जैसमिन.
पति के दूसरी शादी करने के चलते अपनी बच्चों के साथ अकेली पड़ी महिला.
मर्द ने छोड़ा साथ तो खुद बनी मर्दानी
बांग्लादेश के चटगांव शहर में 45 साल की मोसम्मत को लोग 'क्रेजी आंटी' के नाम से भी जानते हैं. मोसम्मत ने बताया, 'करीब छह-सात साल पहले मेरे पति ने दूसरी शादी कर ली थी. मैं और मेरे तीन बच्चे अकेले पड़ गए.'

इसके बाद मोसम्मत ने अपने पड़ोसी का रिक्शा किराए पर लेकर चलाना शुरू किया. शुरुआत में तो लोग इस हिम्मती महिला का मजाक उड़ाते थे. कई बार तो लोग उनके रिक्शे पर बैठने से भी डरते थे. कई ग्राहक तो रिक्शे पर बैठने के बजाय दो चार बातें सुना जाते, जैसे इस्लाम औरतों को ऐसे खुलेआम सड़कों पर घुमने की इजाजत नहीं देता. कई बार उन्हें ये बातें बुरी लगती पर, बच्चों को जरूरतों का ख्याल आता तो वह फिर से अपनी ड्यूटी पर लौट जातीं.
रोजाना 500 रुपए तक कमा लेती हैं मोसम्मत
मोसम्मत रिक्शा चलाने के दौरान अपनी सुरक्षा का भी ख्याल रखती हैं. इसलिए वह हेल्मेट लगाकर रिक्शा चलाती हैं. वह कहती है, 'भगवान ने सभी को दो हाथ, दो पैर दिए हैं, मेरे भी सही सलामत हैं तो भला मैं किसी के सामने झोली क्यों फैलाऊं?
मोसम्मत ने बताया कि अब वह रोजाना करीब आठ घंटे रिक्शा चलाती हैं, जिसमें 600 टका (करीब 500 रुपए) कमा लेती हैं. वह अपनी जैसी दूसरी औरतों से कहना चाहती हैं कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता है. हर महिला को समझना होगा कि जब तक वह डरती रहेंगी तब तक समाज उन्हें दबाता रहेगा.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
International Women's Day 2017, Women's Day 2017, Womens Day, Women Empowerment, Mosammat Jasmine, Female Rickshaw Puller, Bangladesh, अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2017, महिला सशक्तिकरण, महिला रिक्शा चालक, बांग्लादेश, मोसम्मत जैसमिन