इंदौर:
देश में मुंह के कैंसर के बढ़ते खतरे के प्रति आम लोगों को समय रहते सचेत करने के लिये एक विशेष उपकरण विकसित किया गया है. परमाणु ऊर्जा विभाग के इंदौर स्थित एक प्रमुख वैज्ञानिक संस्थान के वैज्ञानिकों का दावा है कि यह उपकरण संबंधित व्यक्ति की जांच के महज 15 मिनट के भीतर उसे मुंह कैंसर होने की आशंका के बारे में सटीक जानकारी देता है.
राजा रमन्ना प्रगत प्रौद्योगिकी केंद्र (आरआरसीएटी) में चिकित्सा उपकरणों के विकास से जुड़े विभाग के प्रमुख वैज्ञानिक शोभन कुमार मजुमदार ने बताया कि ऑन्कोडाइग्नोस्कोप नाम का यह उपकरण टैबलेट कम्प्यूटर आधारित है और आकार में छोटा होने के कारण आसानी से कहीं भी ले जाया जा सकता है.
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उन्होंने बताया कि ऑन्कोडाइग्नोस्कोप से पेन्सिल के आकार वाली फाइबर ऑप्टिक प्रोब (मेडिकल यंत्र) जुड़ा होता है. इसे संबंधित व्यक्ति के मुंह में डालकर कैंसर की जांच की जाती है जिसका नतीजा मॉनीटर पर दिखायी देता है.
मजुमदार के मुताबिक अलग-अलग अस्पतालों और स्वास्थ्य शिविरों में सैकड़ों मरीजों पर ऑन्कोडाइग्नोस्कोप का सफल परीक्षण किया गया है.
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उन्होंने दावा किया कि इस उपकरण के जरिये जांच से महज 15 मिनट के भीतर पता चल सकता है कि संबंधित व्यक्ति को मुंह के कैंसर की आशंका है या नहीं. यह उपकरण मुख कैंसर की जांच के मामले में 90 प्रतिशत तक सही नतीजे देने में सक्षम है.
मजुमदार ने बताया कि करीब 15 साल के सतत अनुसंधान के बाद तैयार उन्नत उपकरण को विकसित करने में आरआरसीएटी को करीब 2.5 लाख रुपये का खर्च आया है.
उन्होंने बताया, "इस उपकरण की तकनीक को विनिर्माण इकाइयों को स्थानांतरित करने की सरकारी प्रक्रिया जारी है. हमें उम्मीद है कि यह उपकरण आम लोगों के बीच जल्द पहुंचकर कैंसर से जंग में मददगार साबित होगा.
इनपुट - आईएएनएस
राजा रमन्ना प्रगत प्रौद्योगिकी केंद्र (आरआरसीएटी) में चिकित्सा उपकरणों के विकास से जुड़े विभाग के प्रमुख वैज्ञानिक शोभन कुमार मजुमदार ने बताया कि ऑन्कोडाइग्नोस्कोप नाम का यह उपकरण टैबलेट कम्प्यूटर आधारित है और आकार में छोटा होने के कारण आसानी से कहीं भी ले जाया जा सकता है.
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उन्होंने बताया कि ऑन्कोडाइग्नोस्कोप से पेन्सिल के आकार वाली फाइबर ऑप्टिक प्रोब (मेडिकल यंत्र) जुड़ा होता है. इसे संबंधित व्यक्ति के मुंह में डालकर कैंसर की जांच की जाती है जिसका नतीजा मॉनीटर पर दिखायी देता है.
मजुमदार के मुताबिक अलग-अलग अस्पतालों और स्वास्थ्य शिविरों में सैकड़ों मरीजों पर ऑन्कोडाइग्नोस्कोप का सफल परीक्षण किया गया है.
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उन्होंने दावा किया कि इस उपकरण के जरिये जांच से महज 15 मिनट के भीतर पता चल सकता है कि संबंधित व्यक्ति को मुंह के कैंसर की आशंका है या नहीं. यह उपकरण मुख कैंसर की जांच के मामले में 90 प्रतिशत तक सही नतीजे देने में सक्षम है.
मजुमदार ने बताया कि करीब 15 साल के सतत अनुसंधान के बाद तैयार उन्नत उपकरण को विकसित करने में आरआरसीएटी को करीब 2.5 लाख रुपये का खर्च आया है.
उन्होंने बताया, "इस उपकरण की तकनीक को विनिर्माण इकाइयों को स्थानांतरित करने की सरकारी प्रक्रिया जारी है. हमें उम्मीद है कि यह उपकरण आम लोगों के बीच जल्द पहुंचकर कैंसर से जंग में मददगार साबित होगा.
इनपुट - आईएएनएस
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