
बाल विवाह से बाल-बाल बची संध्या ने 11वीं में 93 फीसदी नंबर लाए हैं.
- हैदराबाद की संध्या का एक साल पहले हो रहा था बाल विवाह
- एनडीटीवी की पहल से बाल विवाह की शिकार होने से बची थी संध्या
- अब 11वीं की परीक्षा 93 फीसदी नंबर से हुई पास
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इस लड़की की सफलता के चर्चे इन दिनों पूरे गांव में हो रही है. खुशी के मारे संध्या की मां सूर्यकला की आंखों के आंसू थमने का नाम ले रहा है. संध्या बड़ी होकर शिक्षक बनना चाहती है. साथ ही वह अपने जैसी लड़कियों को शिक्षित करना चाहती हैं.
पिता की मौत के बाद संध्या की मां के ऊपर पूरे परिवार के भरण-पोषण का जिम्मा आ गया है. वह कपड़ों में आयरन करके परिवार का खर्च चलाती है. एनडीटीवी की ओर से संध्या को बचाए जाने के बाद उसे पढ़ाई के लिए थोड़ी बहुत मदद भी पहुंचाई गई. बाल अधिकार कार्यकर्ता अच्युत राव ने संध्या का पढ़ाई के प्रति मनोबल बढ़ाया और आर्थिक मदद भी की. राव कहते हैं कि इस देश में संध्या जैसी कई लड़कियां हैं, जिनकी थोड़ी सी मदद की जाए तो वह अच्छा कर सकती हैं.
संध्या की मां चाहती है कि उनकी बेटी आगे भी पढ़ाई जारी रखे. वह कहती हैं उनका बाल विवाह हुआ था, अब वह अपनी बेटी के साथ ऐसा नहीं होने देंगी. साथ ही वह दूसरे मां-पिता को भी प्रेरित करेंगी.
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