भारतीय रेलवे (Indian Railways) में एक महिला की कष्टदायक यात्रा एक दयालु साथी यात्री की बदौलत सकारात्मक मोड़ लेते हुए आरामदायक बन गई. एक्स यूजर साक्षी ने माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट पर बताया कि कैसे एक दयालु महिला के व्यवहार ने उसके परेशान दिन को और अधिक सकारात्मक और आसान बना दिया.
पोस्ट में, साक्षी ने बताया कि कैसे सर्वर की खराबी के कारण उसकी ऑनलाइन परीक्षा में देरी हुई, जिसके परिणामस्वरूप उसकी बुक की गई ट्रेन छूट गई. दो घंटे तक फंसी रहने के बाद वह आखिरकार अगली ट्रेन के जनरल कोच में चढ़ गई. गंभीर सिरदर्द और भावनात्मक तनाव से जूझते हुए, साक्षी को ट्रेन में एक महिला मिली जिसने परेशानी में उसकी मदद की.
एक मर्मस्पर्शी इशारे में महिला ने कहा, "बेटा, ये बाम लगा लो या मैं ही लगा लेती हूं और थोड़ा सा दबा देती हूं." इस छोटे लेकिन विचारशील कार्य ने साक्षी पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाला, जिससे उसकी चुनौतीपूर्ण यात्रा आसान हो गई.
Why do I love travelling in the Indian railway ?
— Sakshi (@333maheshwariii) December 17, 2023
A few days ago, I was traveling back home after giving an online exam. The server went down and delayed the exam by a hour, and I missed my booked train. After waiting for two hours for the next train, I got into the general… pic.twitter.com/UFZoUeEWIU
साक्षी की कहानी सोशल मीडिया पर कई लोगों को पसंद आई, जिससे अप्रत्याशित परिस्थितियों में सहानुभूति और दयालुता की शक्ति के बारे में बातचीत शुरू हो गई.
यह घटना एक प्रेरणा के रूप में कार्य करती है कि जीवन की चुनौतियों के बीच भी मानवीय आत्मा जरूरतमंद लोगों को आराम और सहायता प्रदान करके चमकने की क्षमता रखती है. इस "दयालु महिला" के साथ साक्षी की मुलाकात ने ट्रेन यात्रा की खुशी में उसका विश्वास बहाल कर दिया.
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