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This Article is From Apr 12, 2017

भारत में इलाज के बाद दुनिया की सबसे वजनी महिला का वजन हुआ आधा

भारत में इलाज के बाद दुनिया की सबसे वजनी महिला का वजन हुआ आधा
इसी साल फरवरी में मिस्र से आईं इमान अहमद ने का वजन 242 किलो तक कम करने में डॉक्‍टर्स सफल हुए हैं.
मुंबई: मुंबई के डॉक्टर्स दुनिया की सबसे वजनी महिला इमान अहमद के वजन में कमी लाने में सफल हुए हैं. इसी साल फरवरी में मिस्र से आईं इमान अहमद ने का वजन 242 किलो तक कम करने में डॉक्‍टर्स सफल हुए हैं. इमान का ईलाज मुंबई के सैफी अस्‍पताल में चल रहा है. मिड डे के मुताबिक कई राउंड ऑपरेशन करने वाले डॉक्टरों की टीम ने बताया कि भारत आने से अब तक इसका कुल वजन 270 किलो तक कम किया गया है. इमान जब भारत आईं थीं तो उनका वजन 500 किलो था. सर्जरी करने वाली टीम में शामिल डॉक्‍टर अपर्णा भास्‍कर ने बताया, 'जब वह भारत आई थी तो चलने-बैठने में असमर्थ थी, उसे क्रेन के माध्‍यम से अस्‍पताल तक लाया गया था. अब उसके वजन में कमी आ रही है.

सर्जरी के बाद इसका वजन आधे से भी कम हो गया है. डॉक्‍टर्स ने ये भी बताया है कि महिला को सर्जरी के बाद प्रतिदिन दो घंटे की फिजियोथेरेपी भी दी जा रही है, जिससे उसके वजन में और कमी देखी जा रही है.

सर्जरी करने वाली टीम में शामिल डॉक्‍टर अपर्णा भास्‍कर ने बताया, 'जब वह भारत आई थी तो चलने-बैठने में असमर्थ थी, उसे क्रेन के माध्‍यम से अस्‍पताल तक लाया गया था. अब उसके वजन में कमी आ रही है. हमने 7 मार्च को उसकी सर्जरी की थी, जिसे laparoscopic sleeve gastrectomy कहा जाता है. आधे घंटी की इस सर्जरी में उसके पेट के साइज को 75 प्रतिशत तक कम किया गया था.' उन्‍होंने ये भी बताया कि सर्जरी से पहले ही डाइट कंट्रोल के माध्‍यम से इसका वजन करीबन 120 किलो कम कर लिया गया था.

बिस्तर से उठ नहीं पाती हैं इमान

बता दें, 36 साल की इमान अहमद अब्दुलाती 25 साल से अलेक्जेंड्रिया स्थित अपने घर से बाहर नहीं निकली है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वह अपने भीमकाय आकार की वजह से बिस्तर से उठने या हिलने-डुलने में भी असमर्थ है. भोजन करने, कपड़े बदलने और साफ-सफाई समेत अन्य दैनिक कार्यों के लिए वह अपनी मां और बहन चायमा अब्दुलाती पर निर्भर है.

जन्म के समय वजन 5 किलोग्राम था

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जन्म के समय ही उनका वजन असामान्य रूप से 5 किलोग्राम था. डॉक्टरों ने उसे एलिफेंटाइसिस से पीड़ित पाया. यह एक परजीवी संक्रमण है, जिसमें पिंडलियों में काफी सूजन आ जाती है. डॉक्टरों ने यह भी बताया कि ग्लैंड्स (ग्रंथियों) में गड़बड़ी के चलते उसके शरीर में जरूरत से ज्यादा पानी जमा हो जाता है.

बचपन में हाथों के सहारे घूम-फिर लेती थी

इमान जब छोटी थी, तब वह अपने हाथों के सहारे इधर-उधर घूम-फिर लेती थी, लेकिन 11 साल की उम्र होते-होते वह अपने भारी वजन के कारण खड़ी नहीं हो पाती थी और घर में सिर्फ खिसक पाने में सक्षम रही. सेरेब्रल स्ट्रोक होने के बाद उसे प्राइमरी स्कूल छोड़ना पड़ा और वह पूरी तरह से बिस्तर पर रहने लगी. उसके बाद से इमान बिल्कुल शिथिल और कुछ भी कर पाने में असमर्थ होकर सिर्फ अपने घर में ही पड़ी रहती हैं. अब उनका इलाज मुंबई में शुरू हो चुका है.

अस्पताल ने इमान के लिए खासतौर का कमरा

इमान के इलाज का नेतृत्‍व कर रहे डॉ. मुफज्जल लकड़ावाला ने बताया था कि सैफी अस्पताल ने इमान के लिए खासतौर पर एक कमरा तैयार किया है. उन्होंने कहा कि इमान की समस्या सिर्फ वजन है. वह पिछले दो दशक से ज्यादा वक्त से वजन के कारण बिस्तर पर हैं और कहीं आने-जाने में असमर्थ हैं. वह अपने वजन की वजह से कई चिकित्सक जटिलताओं से भी जूझ रही हैं जो सालों से बरकरार हैं. यह उनके मामले को बहुत जटिल और उच्च जोखिम वाला बनाता है.

सामान्य स्थिति आने में कुछ साल लग सकते हैं

डॉक्टर लकड़ावाला ने कहा कि इमान की जिंदगी में सामान्य स्थिति आने में कुछ साल लग सकते हैं. उनका इलाज कर रहे डॉक्टर उन्हें उनके पैरों पर खड़ा कराने और मौजूदा बीमारियों को ठीक करने के लिए प्रतिबद्ध है.

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