शीतल और सोनी को फुटबॉल खेलने पर लोग ताने देते थे
नई दिल्ली:
फुटबॉल खेलने की वजह से आए दिन ताने सुनने वाली झारखंड की दो लड़कियां अब FIFA World Cup 2018 देखने जा रही हैं. जी हां, 18 साल की शीतल टोप्पो और 19 साल की सोनी 1 जुलाई को फुटबॉल मैच देखने के लिए मॉस्को रवाना हो रही हैं.
जानिए फीफा वर्ल्ड कप से जुड़ी 10 रोचक बातें
टेलीग्राफ की खबर के मुताबिक, यह सब मुंबई के एनजीओ ऑस्कर की कोशिशों से मुमकिन हो पाया है. आपको बता दें कि यह एनजीओ गरीब तबके से आने वाले बच्चों को फुटबॉल के खेल में शामिल करता है. साथ ही पढ़ाई पूरी करने में भी उनकी मदद करता है.
सोनी पॉलिटिकल साइंस की स्टूडेंट हैं और भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री की बहुत बड़ी फैन हैं. वो यूट्यूब वीडियो देखकर इस गेम की बारीकियां सीख रही हैं. सोनी के मुताबिक, 'जब हमने 2014 में ऑस्कर फाउंडेशन ज्वॉइन किया था तब हमें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा था. हम अपने गांव के मैदान में फुटबॉल खेलते थे. लेकिन हमने हार नहीं मानी. मुझे फुटबॉल से प्यार है.'
ब्राजील को नहीं है FIFA World Cup 2018 की दिलचस्पी
इसी तरह शीतल फुटबॉलर नेमार की फैन हैं. उनके मुताबिक, 'यह गेम आपको बहुत कुछ सिखाता है. बतौर सेंटर-फॉवर्ड मेरा मकसद अपने विपक्षी को अच्छी तरह भांपकर गोल करने के लिए सही मौके की तलाश करना है.'
आपको बता दें कि झारखंड की ये दोनों लड़कियां न सिर्फ फीफा वर्ल्ड कप मैच लाइव देखेंगी, बल्कि फुटबॉल फॉर होम (Football For Hope) इवेंट में भारत का प्रतिनिधित्व भी करेंगी. इस इवेंट का आयोजन खुद फीफा कर रहा है जिसा मकसद युवाओं और समुदायों का विकास करना है.
Video: फुटबॉल ने दिया बड़े सपनों का हौसला
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टेलीग्राफ की खबर के मुताबिक, यह सब मुंबई के एनजीओ ऑस्कर की कोशिशों से मुमकिन हो पाया है. आपको बता दें कि यह एनजीओ गरीब तबके से आने वाले बच्चों को फुटबॉल के खेल में शामिल करता है. साथ ही पढ़ाई पूरी करने में भी उनकी मदद करता है.
सोनी पॉलिटिकल साइंस की स्टूडेंट हैं और भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री की बहुत बड़ी फैन हैं. वो यूट्यूब वीडियो देखकर इस गेम की बारीकियां सीख रही हैं. सोनी के मुताबिक, 'जब हमने 2014 में ऑस्कर फाउंडेशन ज्वॉइन किया था तब हमें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा था. हम अपने गांव के मैदान में फुटबॉल खेलते थे. लेकिन हमने हार नहीं मानी. मुझे फुटबॉल से प्यार है.'
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इसी तरह शीतल फुटबॉलर नेमार की फैन हैं. उनके मुताबिक, 'यह गेम आपको बहुत कुछ सिखाता है. बतौर सेंटर-फॉवर्ड मेरा मकसद अपने विपक्षी को अच्छी तरह भांपकर गोल करने के लिए सही मौके की तलाश करना है.'
आपको बता दें कि झारखंड की ये दोनों लड़कियां न सिर्फ फीफा वर्ल्ड कप मैच लाइव देखेंगी, बल्कि फुटबॉल फॉर होम (Football For Hope) इवेंट में भारत का प्रतिनिधित्व भी करेंगी. इस इवेंट का आयोजन खुद फीफा कर रहा है जिसा मकसद युवाओं और समुदायों का विकास करना है.
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