चेन्नई:
देश में लगातार होती रेप की घटनाओं से विचलित होकर समाज के कई हिस्सों ने कई स्तरों पर कई कदम उठाए, और कई उपाय सुझाए, लेकिन चेन्नई के कुछ इंजीनियरिंग छात्रों ने खासतौर पर तैयार किए गए अंडरगारमेंट के रूप में एक उपाय पेश कर दिया है, जो बलात्कार की कोशिश करने वाले या वालों को बिजली के झटके देगा...
यह अंडरगारमेंट तैयार करने वालों का कहना है कि सामान्य इस्तेमाल के लिए इसे री-डिज़ाइन किए जाने के बाद यह बिल्कुल आम ब्रा जैसी ही होगी, जिसे पहनने के लिए कोई खास तैयारी नहीं करनी पड़ेगी, या अधिक समय नहीं लगाना पड़ेगा...
यह खास ब्रा बनाने वालों में से एक मनीषा मोहन के मुताबिक, "इसमें (ब्रा में) लगा स्पेशल इन्सुलेशन पहनने वाली को किसी भी तरह के झटके से बचाएगा... यहां तक कि पहनने वाली को तब भी बिजली का झटका नहीं लगेगा, जब अपराधी उसे छुएगा..."
दूसरी ओर, रेप करने की कोशिश करने वाले को इससे बिजली के 82 झटके लगेंगे, और इसमें लगा जीपीएस पुलिस को वारदात की बिल्कुल सटीक जगह के बारे में जानकारी देने के साथ-साथ पहले से तय किए गए एक परिजन को भी वारदात के बारे में सूचना दे देगा...
यह पूछे जाने पर कि अंडरगारमेंट में लगा सिस्टम हमले की पहचान कैसे करेगा, टीम की एक अन्य सदस्य रिम्पी त्रिपाठी ने बताया, "हमने किसी हमलावर द्वारा चिकोटी काटे जाने, दबाए जाने या दबोचे जाने से पड़ने वाले दबाव का हिसाब लगाया है, और अगर अंडरगारमेंट पर पड़ने वाला दबाव उससे बढ़ गया, तो वह बिजली के झटके देना शुरू कर देगा... हालांकि सुरक्षित जगह पर पहुंचकर इस सिस्टम को बंद कर देने की सुविधा भी ब्रा में उपलब्ध है..."
टीम के अनुसार, उनका उद्देश्य मुनाफा कमाना नहीं है, और वे यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि यह अंडरगारमेंट देश की प्रत्येक महिला तक पहुंचे... उनके मुताबिक कई कम्पनियों ने उनसे कम्पर्क किया है...
टीम में शामिल एकमात्र पुरुष सदस्य नीलाद्रि बसु बल के अनुसार, "हम लोग सावधानी से उन्हीं कंपनियों के साथ मिलकर इस दिशा में काम करेंगे, जो इसकी कीमतें न बढ़ाएं... इसके अलावा हम सरकार से भी सब्सिडी देने का आग्रह करेंगे..."
वैसे अंडरगारमेंट तैयार करने वाली टीम को पहले ही 'द आइडिया' तथा 'गांधियन यंग टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन' अवार्ड मिल चुके हैं... अब चेन्नई की एसआरएम यूनिवर्सिटी के ये छात्र अपने आविष्कार को पेटेन्ट कराने की तैयारी कर रहे हैं...
इस नए आविष्कार को लेकर टीम बेहद उत्साहित है, लेकिन जनता से इसे लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं... एक छात्रा जिनी ने एनडीटीवी को बताया, "इसे पहनकर मैं अधिक सुरक्षित महसूस करूंगी, क्योंकि मुझे बसों और ट्रेनों में सफर करते हुए इस प्रकार की जबरदस्ती का सामना अक्सर करना पड़ता है..." उधर, एक नौकरीपेशा युवती नन्दिनी के अनुसार, "मैं ऐसा अंतःवस्त्र पहनकर सहज महसूस नहीं कर सकती, जिसमें इलेक्ट्रिकल सर्किट मौजूद हों... अगर मुझे ही करंट लग गया तो...?"
यह अंडरगारमेंट तैयार करने वालों का कहना है कि सामान्य इस्तेमाल के लिए इसे री-डिज़ाइन किए जाने के बाद यह बिल्कुल आम ब्रा जैसी ही होगी, जिसे पहनने के लिए कोई खास तैयारी नहीं करनी पड़ेगी, या अधिक समय नहीं लगाना पड़ेगा...
यह खास ब्रा बनाने वालों में से एक मनीषा मोहन के मुताबिक, "इसमें (ब्रा में) लगा स्पेशल इन्सुलेशन पहनने वाली को किसी भी तरह के झटके से बचाएगा... यहां तक कि पहनने वाली को तब भी बिजली का झटका नहीं लगेगा, जब अपराधी उसे छुएगा..."
दूसरी ओर, रेप करने की कोशिश करने वाले को इससे बिजली के 82 झटके लगेंगे, और इसमें लगा जीपीएस पुलिस को वारदात की बिल्कुल सटीक जगह के बारे में जानकारी देने के साथ-साथ पहले से तय किए गए एक परिजन को भी वारदात के बारे में सूचना दे देगा...
यह पूछे जाने पर कि अंडरगारमेंट में लगा सिस्टम हमले की पहचान कैसे करेगा, टीम की एक अन्य सदस्य रिम्पी त्रिपाठी ने बताया, "हमने किसी हमलावर द्वारा चिकोटी काटे जाने, दबाए जाने या दबोचे जाने से पड़ने वाले दबाव का हिसाब लगाया है, और अगर अंडरगारमेंट पर पड़ने वाला दबाव उससे बढ़ गया, तो वह बिजली के झटके देना शुरू कर देगा... हालांकि सुरक्षित जगह पर पहुंचकर इस सिस्टम को बंद कर देने की सुविधा भी ब्रा में उपलब्ध है..."
टीम के अनुसार, उनका उद्देश्य मुनाफा कमाना नहीं है, और वे यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि यह अंडरगारमेंट देश की प्रत्येक महिला तक पहुंचे... उनके मुताबिक कई कम्पनियों ने उनसे कम्पर्क किया है...
टीम में शामिल एकमात्र पुरुष सदस्य नीलाद्रि बसु बल के अनुसार, "हम लोग सावधानी से उन्हीं कंपनियों के साथ मिलकर इस दिशा में काम करेंगे, जो इसकी कीमतें न बढ़ाएं... इसके अलावा हम सरकार से भी सब्सिडी देने का आग्रह करेंगे..."
वैसे अंडरगारमेंट तैयार करने वाली टीम को पहले ही 'द आइडिया' तथा 'गांधियन यंग टेक्नोलॉजिकल इनोवेशन' अवार्ड मिल चुके हैं... अब चेन्नई की एसआरएम यूनिवर्सिटी के ये छात्र अपने आविष्कार को पेटेन्ट कराने की तैयारी कर रहे हैं...
इस नए आविष्कार को लेकर टीम बेहद उत्साहित है, लेकिन जनता से इसे लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं... एक छात्रा जिनी ने एनडीटीवी को बताया, "इसे पहनकर मैं अधिक सुरक्षित महसूस करूंगी, क्योंकि मुझे बसों और ट्रेनों में सफर करते हुए इस प्रकार की जबरदस्ती का सामना अक्सर करना पड़ता है..." उधर, एक नौकरीपेशा युवती नन्दिनी के अनुसार, "मैं ऐसा अंतःवस्त्र पहनकर सहज महसूस नहीं कर सकती, जिसमें इलेक्ट्रिकल सर्किट मौजूद हों... अगर मुझे ही करंट लग गया तो...?"
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