नए साल में दिल्ली के प्रसिद्ध लोधी गार्डन में लोग वहां लगे कई पेड़ों की जानकारी हासिल कर सकेंगे. बस इसके लिए उन्हें अपने स्मार्ट फोन से इन पेड़ों पर लगे क्यूआर कोड को स्कैन करना होगा. करीब 90 एकड़ के विशाल इलाके में फैले लोदी गार्डन में एक राष्ट्रीय बोनसाई पार्क, जड़ी-बूटी उद्यान, बांस का एक बाग, तितलियों का इलाका, कमल का तालाब, कुमुदिनी का एक तालाब, मोर का एक प्रजनन केन्द्र और 35.5 मीटर लंबे ‘बुद्धा कोकोनट' के नाम से मशहूर दिल्ली का सबसे लंबा पेड़ है.
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नई दिल्ली नगर परिषद (एनडीएमसी) यहां के पेड़ों पर ‘क्वीक रिस्पांस' या क्यूआर कोड डालने की प्रक्रिया में है. इससे पेड़ की उम्र, जीवनकाल, वनस्पतीय नाम, सामान्य नाम, फूल खिलने का मौसम वगैरह सभी सूचनाएं मिल सकेंगी. एनडीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘पहले चरण में गार्डन के 100 पेड़ों को चुना गया जिन पर क्यूआर कोड डाला जाएगा. इससे लोगों में प्रकृति के प्रति उत्सुकता बढ़ेगी.''
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अधिकारी ने बताया, ‘‘इस मकसद के लिए और भी पेड़ चुने जाएंगे. लोधी गार्डन विशाल है इसलिए उनकी गणना करने की जरूरत है.'' लोधी गार्डन की देखरेख एनडीएमसी करती है. इसमें मोहम्मद शाह का मकबरा, सिकंदर लोधी का मकबरा, शीश गुंबद और बड़ा गुंबद जैसी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की संरक्षित इमारतें हैं.
(इनपुट-भाषा)
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