भसीन परिवार (फोटो: पीटीआई)
नई दिल्ली:
पायलट होना उन चुनिंदा नौकरियों में से एक है जिसमें भरपूर रोमांच है. आप दुनिया घूमते हैं, आसमान से ज़मीन के खूबसूरत नज़ारे देखना आपके लिए रोज़ का शगल है और हर दिन आपके पास सीखने के लिए कुछ न कुछ नया होता है. लेकिन इसके साथ ही यह एक ऐसा प्रोफेशन भी है जो डिमांडिंग तो है ही साथ ही वक्त-बेवक्त की फ्लाइट और काम के लंबे घंटे शरीर को बुरी तरह थका देते हैं. वैसे सच्चाई यह भी है कि इन मुश्किलों से अंजान हमारे मासूम बचपन ने बेहद स्टाइलिश और चमकदार ड्रेस से इम्प्रेस होकर कभी न कभी पायलट बनने का सपना जरूर देखाा होगा. खैर, पूरे खानदान में क्या अगर अपने गली-मोहल्ले में एक भी पायलट हो तो नाक ऊंची हो जाती है. लेकिन हमारे अपने देश भारत में एक ऐसा परिवार भी है जो 100 सालों से भी ज़्यादा समय से इस प्रोफेशन में है. जी हां, हम बात कर रहे हैं भसीन परिवार की, जिसके चारों सदस्य एयरलाइन्स में पायलट हैं.
चौंकिए मत यह बिलकुल सच है. भसीन परिवार की तीसरी पीढ़ी ने भी अपने दादाजी के नक्शे कदम पर चलने का फैसला किया. इस प्रोफेशन से परिवार का नाता 1954 से है जब कैप्टन जयदेव भसीन ने इंडियन एयरलाइसं में जाने का फैसला किया. वह भारत के उन पहले सात पायलटों में शामिल थे जो आगे चलकर कमांडर बने. उनके बेटे रोहित ने भी अपने पिता की तरह इसी को अपना प्रोफेशन बनाया. इसके बाद रोहित की शादी निवेदिता जैन से हुई जो खुद भी एक पायलट थीं. 26 साल की उम्र में निवेदिता दुनिया की सबसे कम उम्र की जेट उड़ाने वाली महिला कैप्टन बन चुकी थीं.
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तीन दशकों से भी ज़्यादा का फ्लाइंग अनुभव रखने वाली निवेदिता के मुताबिक, 'शायद छह या सात साल की उम्र से ही मुझे फ्लाइंग आकर्षित करती थी. उस दिन मैं अपने फ्रेंड की बर्थडे पार्टी में थी और तभी मेरे पापा हाथ में अप्वॉइंटमेंट लेकर दौड़े-दौड़े चले आए. मेरा सेलेक्शन इंडियन एयरलाइंस में हो गया था. उस दिन को मैं कभी नहीं भूल सकती. तारीख थी 29 जून 1984.'
निवेदिता जब इंडियन एयरलाइंस की पायलट बनीं तब वह महज़ 20 साल की थीं. 33 बरस की उम्र में वह दुनिया के सबसे बड़े हवाई जहाज एयरबस - 300 की कमांडर बन गईं थीं. ऐसे होनहार माता-पिता के बच्चे भला कहां पीछे रहने वाले थे. आज उनका बेटा रोहन बतौर कमांडर बोइंग 777 चलाता है और एयर इंडिया में उसे 10 साल हो चुके हैं. वहीं उनकी 26 साल की बेटी निहारिका इंडिगो में पायलट है. निहारिका कहती हैं, 'जब मैं छोटी थी तो मम्मी-पापा को तैयार होते हुए देखती थी और मैं भी एक दिन उनकी ही तरह तैयार होना चाहती थी.' आपको बता दें कि रोहन ने एचआर प्रोफेशनल से शादी की है जबकि निहारिका कहती हैं कि वो एक पायलट से शादी करना चाहती हैं.
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यूं तो निवेदिता और रोहन पिछले कई सालों से एक ही प्रोफेशन में हैं लेकिन दोनों ने कभी एक साथ जहाज नहीं उड़ाया है लेकिन पिता रोहित अपने बेटे के साथ 10 से भी ज़्यादा फ्लाइट उड़ा चुके हैं. रोहित और निवेदिता भी दूसरे पेरेंट्स की ही तरह अपने बच्चों को ज्यादा सावधानी बरतने की सलाह देते हैं. रोहित कहते हैं, 'कभी-कभी हम भी घबरा जाते हैं. हम अकसर ही उन्हें सलाह देते रहते हैं कि जब मौसम खराब हो तो लैंड करने की हड़बड़ी मत करो, हमेशा ज्यादा ईंधन लेकर ही उड़ान भरो या कभी जल्दबाज़ी मत दिखाओ वगैरह वगैरह.'
है न कमाल की ये फैमिली. इनके प्रोफेशन और जज़्बे को हमारा सलाम.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
चौंकिए मत यह बिलकुल सच है. भसीन परिवार की तीसरी पीढ़ी ने भी अपने दादाजी के नक्शे कदम पर चलने का फैसला किया. इस प्रोफेशन से परिवार का नाता 1954 से है जब कैप्टन जयदेव भसीन ने इंडियन एयरलाइसं में जाने का फैसला किया. वह भारत के उन पहले सात पायलटों में शामिल थे जो आगे चलकर कमांडर बने. उनके बेटे रोहित ने भी अपने पिता की तरह इसी को अपना प्रोफेशन बनाया. इसके बाद रोहित की शादी निवेदिता जैन से हुई जो खुद भी एक पायलट थीं. 26 साल की उम्र में निवेदिता दुनिया की सबसे कम उम्र की जेट उड़ाने वाली महिला कैप्टन बन चुकी थीं.
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तीन दशकों से भी ज़्यादा का फ्लाइंग अनुभव रखने वाली निवेदिता के मुताबिक, 'शायद छह या सात साल की उम्र से ही मुझे फ्लाइंग आकर्षित करती थी. उस दिन मैं अपने फ्रेंड की बर्थडे पार्टी में थी और तभी मेरे पापा हाथ में अप्वॉइंटमेंट लेकर दौड़े-दौड़े चले आए. मेरा सेलेक्शन इंडियन एयरलाइंस में हो गया था. उस दिन को मैं कभी नहीं भूल सकती. तारीख थी 29 जून 1984.'
निवेदिता जब इंडियन एयरलाइंस की पायलट बनीं तब वह महज़ 20 साल की थीं. 33 बरस की उम्र में वह दुनिया के सबसे बड़े हवाई जहाज एयरबस - 300 की कमांडर बन गईं थीं. ऐसे होनहार माता-पिता के बच्चे भला कहां पीछे रहने वाले थे. आज उनका बेटा रोहन बतौर कमांडर बोइंग 777 चलाता है और एयर इंडिया में उसे 10 साल हो चुके हैं. वहीं उनकी 26 साल की बेटी निहारिका इंडिगो में पायलट है. निहारिका कहती हैं, 'जब मैं छोटी थी तो मम्मी-पापा को तैयार होते हुए देखती थी और मैं भी एक दिन उनकी ही तरह तैयार होना चाहती थी.' आपको बता दें कि रोहन ने एचआर प्रोफेशनल से शादी की है जबकि निहारिका कहती हैं कि वो एक पायलट से शादी करना चाहती हैं.
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यूं तो निवेदिता और रोहन पिछले कई सालों से एक ही प्रोफेशन में हैं लेकिन दोनों ने कभी एक साथ जहाज नहीं उड़ाया है लेकिन पिता रोहित अपने बेटे के साथ 10 से भी ज़्यादा फ्लाइट उड़ा चुके हैं. रोहित और निवेदिता भी दूसरे पेरेंट्स की ही तरह अपने बच्चों को ज्यादा सावधानी बरतने की सलाह देते हैं. रोहित कहते हैं, 'कभी-कभी हम भी घबरा जाते हैं. हम अकसर ही उन्हें सलाह देते रहते हैं कि जब मौसम खराब हो तो लैंड करने की हड़बड़ी मत करो, हमेशा ज्यादा ईंधन लेकर ही उड़ान भरो या कभी जल्दबाज़ी मत दिखाओ वगैरह वगैरह.'
है न कमाल की ये फैमिली. इनके प्रोफेशन और जज़्बे को हमारा सलाम.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)