लंदन : चमगादड़ के बारे में यह बात जानकर आपको आश्चर्य होगा कि अपने शिकार पर हमला करने का फैसला वह एक सेकेंड के हजारवें हिस्से में ले लेता है। एक नए शोध में यह खुलासा हुआ है। उड़ने वाले ये स्तनधारी दिशा ज्ञान के लिए इकोलोकेशन का इस्तेमाल करते हैं और अल्ट्रासोनिक ध्वनियां छोड़ते हैं, जो नजदीक में स्थित शिकार से टकराती है और इसका इको वापस चमगादड़ तक लौटता है।
इस इको से चमगादड़ यह पता लगा लेता है कि शिकार कहां है और फिर उसपर हमला करता है। दक्षिणी डेनमार्क विश्वविद्यालय के जीव विज्ञान विभाग के सिग्ने ब्रिंक्लोव ने कहा, "चमगादड़ एक सेकेंड के हजारवें हिस्से में अपने शिकार पर हमला करने का फैसला ले लेता है।"
शोध दल ने प्रयोगशाला तथा खुले में चमगादड़ के शिकार करने की प्रक्रिया का अध्ययन किया। ब्रिंक्लोव ने कहा, "चमगादड़ द्वारा शिकार के लिए जल्द से जल्द फैसला लेने की प्रक्रिया क्रमिक विकास का एक हिस्सा है।" यह अध्ययन पत्रिका 'पीएनएएस' में प्रकाशित हुआ है।
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