अपनी सोशल साइंस की किताबों में आपने बचपन में बार्टर सिस्टम के बारे में जरूर पढ़ा होगा, जो लोग हिंदी में सोशल साइंस पढ़ते थे, वो वस्तु विनिमय प्रणाली के बारे में तो जानते ही होंगे, जिसका सीधा सा अर्थ है कि सामान के बदले कुछ और सामान देना, लेकिन जब से रुपये पैसे चलन में आए हैं, तब से सामान के बदले सामान नहीं, बल्कि रुपये लिए दिए जाता है, लेकिन एक गांव में आज भी बार्टर सिस्टम मौजूद है. खासतौर से पानी पुरी के लिए. जी हां, बिलकुल सही सुन रहे हैं आप. इस गांव में पानी पुरी के लिए रुपये नहीं देने पड़ते, बल्कि अनाज का बार्टर करना पड़ता है.
एक डिब्बा अनाज के बदले पानी पूरी
मिडनाइट ट्रेवल विदाउट मनी नाम के इंस्टाग्राम हैंडल पर ये दिलचस्प वीडियो देख सकते हैं. हालांकि, इंस्टाग्राम अकाउंट होल्डर ने ये जानकारी नहीं दी है कि, ये वीडियो कहां का है, लेकिन है किसी गांव का. इसका अंदाजा उनके कैप्शन को देखकर लगाया जा सकता है. वीडियो में एक शख्स हाथ में गेहूं से भरी थाली लेकर आगे बढ़ता दिखाई देता है. वो ये थाली मोड़ पर खड़े पानी पुरी वाले को देता है. पानी पुरी वाला वो थाली लेकर सारे गेहूं एक डिब्बे में डालता है. वो डिब्बा गेहूं से कितना भरेगा, वो तय करेगा कि, उसके बदले कितनी पानी पूरी खाने को मिलेगी. एक थाली अनाज के बदले पानी फुल्की वाला नौ फुल्कियां देता है. साथ में चटनी और पानी अलग बर्तन में देता है.
यहां देखें वीडियो
ताजा हुई बचपन की याद
इस वीडियो को देखकर कुछ यूजर्स को अपना बचपन याद आ रहा है. एक यूजर ने लिखा कि, 'हम भी अपने गांव में ऐसा ही करते थे, जिस-जिस के सब्जी के खेत होते थे. वो किसी से अनाज के बदले सब्जियां दे दिया करता था.' एक यूजर ने चुटकी लेते हुए लिखा कि, 'ये पानी पुरी बहुत महंगी पड़ गई. डिब्बा भर के गेहूं के बदले सिर्फ नौ पानी पुरी मिलीं.'
ये भी पढ़ें: Heat Wave: IMD की चेतावनी , Delhi NCR और North India में गर्मी का प्रकोप, Rajasthan में पारा 50
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं