दिग्गज सूचना तकनीक कंपनी विप्रो के संस्थापक अज़ीम प्रेमजी ने परोपकारियों की सूची में पहला स्थान हासिल कर लिया है. प्रेमजी एक दिन में 22 करोड़ रुपये और एक साल में 7904 करोड़ रुपये दान करने वाले वित्तीय वर्ष 2020 में सबसे दानवीर भारतीय बन गए हैं. हुरून रिपोर्ट इंडिया और एडेलगिव फाउंडेशन की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रेमजी ने एचसीएल टेक्नोलॉजी के शिव नाडर को बड़े अंतर से पीछे छोड़ दिया है, जो इससे पहले परोपकारियों की लिस्ट में शीर्ष पर चल रहे थे. नाडर ने वित्त वर्ष 2020 में 795 करोड़ रुपये दान किए, जबकि इससे एक साल पहले उन्होंने 826 करोड़ परोपकार पर खर्च किए थे.
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प्रेमजी ने इसे पहले यानी वित्त वर्ष 2018-19 में महज 426 करोड़ रुपये दान पर खर्च किए थे. लेकिन, इस साल उन्होंने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए और भारतीय उद्यमियों की तरफ से किए गए दान को वित्त वर्ष 2020 में 175 फीसदी बढ़ाते हुए 12,050 करोड़ रुपये पर पहुंचा दिया. अजीम प्रेमजी एंडोमेंट फंड के पास विप्रो के प्रमोटर्स में करीब 13.6 फीसदी हिस्सेदारी है और यह फंड प्रमोटर के हिस्से के तौर पर मिलने वाली अपनी पूरी रकम लेने का अधिकार रखता है. सबसे अमीर भारतीय और रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी दानवीर भारतीयों की सूची में तीसरे नंबर पर हैं. उन्होंने वित्त वर्ष 2018-19 में 402 करोड़ रुपये दान देने के मुकाबले वित्त वर्ष 2020 में 402 करोड़ रुपये परोपकार पर खर्च किए हैं.
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विप्रो कंपनी की प्रतिद्वंद्वी इंफोसिस के तीनों सह संस्थापक भी दानवीरों की सूची में शामिल हैं. इनमें नंदन नीलेकणि ने 159 करोड़ रुपये, गोपाल कृष्णन ने 50 करोड़ रुपये और एसडी शिबूलाल ने 32 करोड़ रुपये दान पर खर्च किए. हालांकि, कोरोना वायरस संक्रमण से लड़ने के लिए दिए गए दान में टाटा संस ने 1500 करोड़ रुपये के साथ सभी को पीछे छोड़ दिया. उनके बाद इस सूची में भी प्रेमजी 1125 करोड़ रुपये के साथ दूसरे नंबर पर हैं, जबकि अडानी ने 510 करोड़ रुपये का दान दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर गठित पीएम-केयर्स फंड में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 500 करोड़ रुपये, टाटा संस ने 500 करोड़ रुपये और आदित्य बिड़ला ग्रुप ने 400 करोड़ रुपये का दान दिया है.
परोपकारी उद्यमियों के दान से सबसे ज्यादा फायदा शिक्षा क्षेत्र को हुआ, जहां प्रेमजी और नाडर के नेतृत्व में 90 परोपकारियों ने 9324 करोड़ रुपये का दान दिया. इसके बाद 84 दानदाताओं ने स्वास्थ्य सेवाओं के लिए और 41 दानदाताओं ने आपदा राहत व पुनर्वास कार्यक्रम के लिए दान दिया.
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