नई दिल्ली:
करीब दो साल पहले आपने एक एथलीट को चलती ट्रेन से बाहर फ़ेंके जाने की ख़बर सुनी होगी। उस हादसे में अरुणिमा को अपना पांव भी गंवाना पड़ा… लेकिन अब वह दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर पांव जमाने से बस कुछ दूर है…।
सब कुछ सही रहा तो वह मंगलवार को ही माउंट एवरेस्ट पर पहुंच जाएंगी…। हादसे में उसे एक पैर गंवाना पड़ा था लेकिन बाद में कृत्रिम पांव के सहारे वह अपना हर कदम जमाकर रखती गईं और वह करने जा रही है जो ऐसी हालत में शायद ही काई सोच भी पाता।
अरुणिमा पहले ही लद्दाख में 21000 फ़ीट की ऊंचाई तय कर चुकी है। बस अब 8000 फ़ीट और ऊंची चढ़ाई चढ़ कर वह एवरेस्ट पर जाना चाहती हैं और इतिहास बनाना चाहती हैं। अरुणिमा हौसलों की उड़ान भर रही हैं। बिना एक पांव के अब वह एवरेस्ट पर चढ़कर विकलांग शब्द की परिभाषा बदलना चाहती हैं।
सब कुछ सही रहा तो वह मंगलवार को ही माउंट एवरेस्ट पर पहुंच जाएंगी…। हादसे में उसे एक पैर गंवाना पड़ा था लेकिन बाद में कृत्रिम पांव के सहारे वह अपना हर कदम जमाकर रखती गईं और वह करने जा रही है जो ऐसी हालत में शायद ही काई सोच भी पाता।
अरुणिमा पहले ही लद्दाख में 21000 फ़ीट की ऊंचाई तय कर चुकी है। बस अब 8000 फ़ीट और ऊंची चढ़ाई चढ़ कर वह एवरेस्ट पर जाना चाहती हैं और इतिहास बनाना चाहती हैं। अरुणिमा हौसलों की उड़ान भर रही हैं। बिना एक पांव के अब वह एवरेस्ट पर चढ़कर विकलांग शब्द की परिभाषा बदलना चाहती हैं।