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अमूल के 18 व्यंग्यपूर्ण विज्ञापनों को कांग्रेस विरोधी राजनीति से प्रेरित बताते हुए दुग्ध क्षेत्र की इस दिग्गज कम्पनी के खिलाफ अदालत में एक कांग्रेस नेता की ओर से शिकायत अर्जी दायर की गई।
मध्यप्रदेश की कांग्रेस इकाई के प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट ओपी वोहरा के सामने भारतीय दंड विधान (आईपीसी) की धारा 500 (मानहानि) और धारा 504 (सार्वजनिक शांति भंग करने की नीयत से जानबूझकर अपमान करना) के तहत यह अर्जी दायर की।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता के वकील शैलेंद्र द्विवेदी ने बताया कि अदालत ने शिकायतकर्ता का बयान दर्ज करने के लिए 11 मार्च की तारीख तय की है।
द्विवेदी ने कहा, ‘मेरे मुवक्किल को अमूल के उन 18 विज्ञापनों पर सख्त आपत्ति है जिनमें कांग्रेस और इस पार्टी के आला नेताओं पर अपमानजनक व्यंग्य करते हुए उनका भद्दा मजाक उड़ाया गया है, जबकि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और दूसरे भाजपा नेताओं की एक तरह से तारीफ की गई है।’ उन्होंने बताया कि सलूजा ने अपनी शिकायत अर्जी में अमूल के इन कार्टून आधारित विज्ञापनों को कांग्रेस विरोधी राजनीति से प्रेरित करार दिया है। इसके साथ ही, अदालत से गुहार की है कि इन विज्ञापनों के प्रकाशन के लिए अमूल के प्रबंधन से जुड़ी गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन के अध्यक्ष विपुल चौधरी और इस सहकारी संस्था के प्रबंध निदेशक (एमडी) आरएस सोढ़ी के खिलाफ संबद्ध धाराओं में मुकदमा चलाया जाए।