एयर इंडिया ने आलोचना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी की तस्वीरों वाले बोर्डिंग पास 'वापस' लेने का फैसला किया है. एयरलाइंस ने पहले कहा था कि तस्वीरों वाले बोर्डिंग पास तीसरे पक्ष के विज्ञापन के रूप में जारी किए गए और अगर ये आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करते हुए पाए गए तो उन्हें वापस लिया जाएगा. एयर इंडिया के प्रवक्ता धनंजय कुमार ने कहा, 'एयर इंडिया ने उन बोर्डिंग पास को वापस लेने का फैसला किया है जिनमें प्रधानमंत्री और गुजरात के मुख्यमंत्री की तस्वीरें थीं.'
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पंजाब के पूर्व डीजीपी शशि कांत ने सोमवार को नयी दिल्ली हवाईअड्डे पर अपने बोर्डिंग पास की तस्वीर ट्वीट करते हुए सवाल पूछा था कि दोनों नेताओं की तस्वीरें इस पर कैसे हो सकती हैं. उन्होंने ट्वीट किया, 'आज 25 मार्च 2019 को नयी दिल्ली हवाईअड्डे पर मेरे एयर इंडिया के बोर्डिंग पास पर नरेंद्र मोदी, 'वाइब्रेंट गुजरात' और विजय रुपाणी की तस्वीरें हैं. बोर्डिंग पास की तस्वीर नीचे संलग्न है. हैरानी हो रही है कि हम इस निर्वाचन आयोग पर पैसा क्यों बर्बाद कर रहे हैं जो ना कुछ देखता है, ना सुनता है और ना ही बोलता है.'
At New Delhi airport today March 25th, 2019.
— Shashi Kant IPS (@shashikantips54) March 25, 2019
My Air India Boarding Pass, prominently flashes Narendra Modi, "Vibrant Gujrat" & Vijay Rupani. Picture of boarding pass is below.
Wonder why we are wasting public money on this Election Commission, which doesn't see, hears or speak... pic.twitter.com/7t49cNIlAR
Economic Times की खबर के मुताबिक, एयर इंडिया के प्रवक्ता धनंजय कुमार ने कहा था कि ऐसा प्रतीत होता है कि यह बोर्डिंग पास वही है जो जनवरी में हुए वाइब्रेंट गुजरात सम्मेलन के दौरान छपे थे और तस्वीरें 'तीसरे पक्ष' के विज्ञापनों का हिस्सा हैं. उन्होंने कहा कि इसका एयर इंडिया से कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने कहा था, ‘‘हालांकि हम जांच कर रहे हैं कि क्या तीसरे पक्ष के विज्ञापन आदर्श आचार संहिता के दायरे में आते हैं. अगर आते होंगे तो इन्हें हटाया जाएगा. ये बोर्डिंग पास ना केवल गुजरात बल्कि पूरे भारत के लिए हैं.''
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गौरतलब है कि 20 मार्च को रेलवे ने प्रधानमंत्री की तस्वीरों वाली टिकटें वापस ली थीं. तृणमूल कांग्रेस ने इनके बारे में निर्वाचन आयोग से शिकायत की थी. रेलवे ने भी यही कहा था कि ये तीसरे पक्ष के विज्ञापन हैं और एक साल पहले छपे टिकटों के पैकेट से बचे हुए हैं.
(इनपुट-भाषा)
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