नई दिल्ली:
सेना प्रमुख जनरल बिक्रम सिंह ने बुधवार को कहा कि चीन के साथ 1962 में हुआ युद्ध दोहराया नहीं जा सकता। इस युद्ध में भारत को पराजय का सामना करना पड़ा था।
संवाददाताओं के साथ यहां एक चर्चा सत्र में जनरल सिंह ने कहा कि भारत के पास अपनी सीमा पर किसी भी तरह की गड़बड़ी से निपटने की पर्याप्त सैन्य योजना है। यह पूछे जाने पर कि क्या 1962 का युद्ध दोहराया जा सकता है, सेना प्रमुख ने कहा, 'नहीं होगा।'
जनरल सिंह ने कहा, 'मैं सेना प्रमुख की हैसियत से देश को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि 1962 दोहराया नहीं जाएगा।' सिंह को याद दिलाया गया कि 2012 आजादी के बाद उस एकमात्र युद्ध का 50वां वर्ष है, जिसमें देश को पराजय का सामना करना पड़ा था।
जनरल सिंह ने कहा कि सेना प्रमुख के नाते देश की क्षेत्रीय अखण्डता की सुरक्षा करना उनकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा, 'इसलिए मैं भरोसा दे रहा हूं। हम किसी भी शत्रु को अपनी सीमा में प्रवेश नहीं करने देंगे।'
जनरल सिंह ने कहा कि देश की उत्तरी सीमा पर आवश्यक रक्षा एवं सैन्य अधोसंरचना खड़ी की जा रही है। उन्होंने कहा, 'हमारी सीमाओं की अच्छी तरह रखवाली की जा रही है।' इस संदर्भ में उन्होंने सड़कों, पुलों और अन्य अधोसंरचनाओं के खड़ा किए जाने का जिक्र किया।
सेना प्रमुख ने कहा, 'हमारी तैयारी समुचित रूप से चल रही है। हमारी सेना की क्षमता किसी खास देश को ध्यान में रखकर नहीं बढ़ाई गई है। हम अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर अपनी रक्षा तैयारी बढ़ाने के लिए ऐसा कर रहे हैं।'
जनरल सिंह सेना की उस योजना का जिक्र कर रहे थे, जिसके तहत पूवरेत्तर में एक पर्वतीय हमला टुकड़ी बनाने की योजना है।
यह टुकड़ी अरुणाचल प्रदेश और तिब्बत को विभाजित करने वाली वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी सेना से मुकाबले के लिए होगी।
इस टुकड़ी से सम्बंधित फाइल को सरकार द्वारा लौटाए जाने के बारे में पूछने पर जनरल सिंह ने कहा कि यह योजना फिलहाल सत्यापन की प्रक्रिया से गुजर रही है और योजना खारिज नहीं हुई है।
सेना प्रमुख ने कहा, 'हम अपनी बात रखने के लिए सरकार के पास दोबारा जाएंगे। ये प्रस्ताव राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखकर तैयार किए गए हैं।'
भारतीय सीमा में चीनी सैनिकों की घुसपैठ के बारे में पूछे जाने पर सेना प्रमुख ने कहा कि दोनों देशों के सैन्य दल एलएसी के बारे अपने देश की धारणा के अनुसार वहां गश्त करते हैं।
जनरल सिंह ने कहा, 'इस तरह के मामलों में इन मुद्दों को मौजूदा तंत्र के जरिए उचित स्तर पर उठाया गया है। इन मुद्दों पर पर बराबर ध्यान दिया जा रहा है।'
संवाददाताओं के साथ यहां एक चर्चा सत्र में जनरल सिंह ने कहा कि भारत के पास अपनी सीमा पर किसी भी तरह की गड़बड़ी से निपटने की पर्याप्त सैन्य योजना है। यह पूछे जाने पर कि क्या 1962 का युद्ध दोहराया जा सकता है, सेना प्रमुख ने कहा, 'नहीं होगा।'
जनरल सिंह ने कहा, 'मैं सेना प्रमुख की हैसियत से देश को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि 1962 दोहराया नहीं जाएगा।' सिंह को याद दिलाया गया कि 2012 आजादी के बाद उस एकमात्र युद्ध का 50वां वर्ष है, जिसमें देश को पराजय का सामना करना पड़ा था।
जनरल सिंह ने कहा कि सेना प्रमुख के नाते देश की क्षेत्रीय अखण्डता की सुरक्षा करना उनकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा, 'इसलिए मैं भरोसा दे रहा हूं। हम किसी भी शत्रु को अपनी सीमा में प्रवेश नहीं करने देंगे।'
जनरल सिंह ने कहा कि देश की उत्तरी सीमा पर आवश्यक रक्षा एवं सैन्य अधोसंरचना खड़ी की जा रही है। उन्होंने कहा, 'हमारी सीमाओं की अच्छी तरह रखवाली की जा रही है।' इस संदर्भ में उन्होंने सड़कों, पुलों और अन्य अधोसंरचनाओं के खड़ा किए जाने का जिक्र किया।
सेना प्रमुख ने कहा, 'हमारी तैयारी समुचित रूप से चल रही है। हमारी सेना की क्षमता किसी खास देश को ध्यान में रखकर नहीं बढ़ाई गई है। हम अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर अपनी रक्षा तैयारी बढ़ाने के लिए ऐसा कर रहे हैं।'
जनरल सिंह सेना की उस योजना का जिक्र कर रहे थे, जिसके तहत पूवरेत्तर में एक पर्वतीय हमला टुकड़ी बनाने की योजना है।
यह टुकड़ी अरुणाचल प्रदेश और तिब्बत को विभाजित करने वाली वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी सेना से मुकाबले के लिए होगी।
इस टुकड़ी से सम्बंधित फाइल को सरकार द्वारा लौटाए जाने के बारे में पूछने पर जनरल सिंह ने कहा कि यह योजना फिलहाल सत्यापन की प्रक्रिया से गुजर रही है और योजना खारिज नहीं हुई है।
सेना प्रमुख ने कहा, 'हम अपनी बात रखने के लिए सरकार के पास दोबारा जाएंगे। ये प्रस्ताव राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखकर तैयार किए गए हैं।'
भारतीय सीमा में चीनी सैनिकों की घुसपैठ के बारे में पूछे जाने पर सेना प्रमुख ने कहा कि दोनों देशों के सैन्य दल एलएसी के बारे अपने देश की धारणा के अनुसार वहां गश्त करते हैं।
जनरल सिंह ने कहा, 'इस तरह के मामलों में इन मुद्दों को मौजूदा तंत्र के जरिए उचित स्तर पर उठाया गया है। इन मुद्दों पर पर बराबर ध्यान दिया जा रहा है।'
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