अजमेर:
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने रविवार अपराह्न् राजस्थान के अजमेर शहर में स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर चादर चढ़ाई और अमन-चैन के लिए जियारत की। जरदारी ने दरगाह के लिए 10 लाख डॉलर का दान भी दिया।
दरगाह के खादिम (संचालक) जीशान कप्तान ने कहा, "राष्ट्रपति जरदारी ने यहां जियारत की और दरगाह के लिए 10 लाख डॉलर (करीब पांच करोड़ रुपये) दान दिए।"
कप्तान के मुताबिक गरीब नवाज के नाम से मशहूर सूफी संत के दरगाह में जरदारी और उनके पुत्र बिलावल ने 10 मिनट बिताए। यहां उन्होंने जेब में रखी कुरान की कुछ आयतें पढ़ीं। पिता-पुत्र ने पाकिस्तान से लाई गई चादरें चढ़ाईं। इसके बाद खादिम ने दोनों को उपहार भेंट किए।
जरदारी भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टर एमआई-17 से अपराह्न् चार बजे के बाद अजमेर हेलीपैड पर उतरे। उसके बाद वह 12 किलोमीटर दूर स्थित दरगाह के लिए कारों के काफिले में रवाना हुए।
जरदारी के दौरे के मद्देनजर पूरे अजमेर में सुरक्षा चाकचौबंद थी। शहर की सभी दुकानें पहले ही बंद करा दी गई थीं।
इसके पहले वह पाकिस्तानी वायु सेना के एक विमान से नई दिल्ली से जयपुर पहुंचे थे। नई दिल्ली में उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ 40 मिनट तक बातचीत की थी।
दरगाह के खादिम (संचालक) जीशान कप्तान ने कहा, "राष्ट्रपति जरदारी ने यहां जियारत की और दरगाह के लिए 10 लाख डॉलर (करीब पांच करोड़ रुपये) दान दिए।"
कप्तान के मुताबिक गरीब नवाज के नाम से मशहूर सूफी संत के दरगाह में जरदारी और उनके पुत्र बिलावल ने 10 मिनट बिताए। यहां उन्होंने जेब में रखी कुरान की कुछ आयतें पढ़ीं। पिता-पुत्र ने पाकिस्तान से लाई गई चादरें चढ़ाईं। इसके बाद खादिम ने दोनों को उपहार भेंट किए।
जरदारी भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टर एमआई-17 से अपराह्न् चार बजे के बाद अजमेर हेलीपैड पर उतरे। उसके बाद वह 12 किलोमीटर दूर स्थित दरगाह के लिए कारों के काफिले में रवाना हुए।
जरदारी के दौरे के मद्देनजर पूरे अजमेर में सुरक्षा चाकचौबंद थी। शहर की सभी दुकानें पहले ही बंद करा दी गई थीं।
इसके पहले वह पाकिस्तानी वायु सेना के एक विमान से नई दिल्ली से जयपुर पहुंचे थे। नई दिल्ली में उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ 40 मिनट तक बातचीत की थी।
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