मालदीव राष्ट्रपति पद के लिए हुए कांटे की टक्कर में विजयी होने के एक दिन बाद अब्दुल्ला यामीन ने रविवार को देश के नए राष्ट्रपति के रूप में सत्ता संभाल ली। इसी के साथ देश में दो वर्ष से जारी राजनीतिक अनिश्चितता का दौर समाप्त हो गया। राजनीतिक अनिश्चितता का देश के लिए सबसे महत्वपूर्ण पर्यटन उद्योग पर बेहद खराब असर पड़ा।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने यामीन को बधाई देते हुए भारत के पूर्ण समर्थन का भरोसा दिया है। अपने संदेश में मनमोहन सिंह ने कहा है कि यामीन की जीत मालदीव में लोकतंत्र की जीत है। यामीन को अमेरिका ने भी जीत की बधाई दी है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, यामीन ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी और पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद को पराजित किया। यामीन को 51.6 प्रतिशत वोट मिले। उनके प्रतिद्वंद्वी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के उम्मीदवार नशीद को 48.61 मत हासिल हुए।
राष्ट्र के नाम संबोधन में नए राष्ट्रपति ने अर्थव्यवस्था के विकास के लिए काम करने और मालदीव को शांतिपूर्ण राष्ट्र बनाने का भरोसा दिलाया।
अपने प्रचार के दौरान यामीन ने तेल की खोज और तेल निकालने में विदेशी निवेश को प्रोत्साहन दिलाने की पेशकश की थी। उन्होंने कहा कि वे एक छोटा किंतु प्रभावी सरकार गठित करना चाहते हैं और सरकारी खर्चो में कमी लाने के लिए कदम उठाएंगे। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था बुरी हालत में है इसलिए उनकी प्राथमिकता इसमें सुधार करने की रहेगी। उन्हें समर्थन देने वाले मोहम्मद जमील अहमद ने उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली है।
हिंद महासागर में स्थित छोटे द्वीपों वाले देश का राष्ट्रपति बनने वाले यामीन, वहां की सत्ता पर 30 वर्षो तक काबिज रहने वाले मामून अब्दुल गयूम के सौतेले भाई हैं। गयूम को 2008 में नशीद ने देश से बाहर खदेड़ दिया।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यामीन (54) को गयूम के समर्थकों का मजबूत समर्थन मिला। उन्होंने राष्ट्रवादी और धार्मिक कदम के जरिए लोकप्रियता हासिल की।
यामीन ने राष्ट्रपति का चुनाव मालदीव की प्रगतिशील पार्टी (पीपीएम) प्रत्याशी के रूप में लड़ा। यह पार्टी धिवेही रायितुंगे पार्टी (डीआरपी) से विभक्त हो कर बनी। यह विभाजन अब्दुल गयूम और उनके उत्तराधिकारी अहमद तस्मीन अली के बीच मतभेद पैदा होने के बाद हुआ था।
माले में 21 मई 1959 को जन्मे यामीन और उनके सौतेले भाई अब्दुल गयूम मालदीव के पूर्व अटार्नी जनरल अब्दुल कय्यूम इब्राहिम के बेटे हैं।
अपनी प्राथमिक और हाई स्कूल की शिक्षा मालदीव में प्राप्त करने के बाद यामीन ने लेबनान में स्थित अमेरिकन यूनिवर्सिटी ऑफ बेरुत से व्यापार प्रशासन में स्नातक किया। इसके बाद वे अमेरिका गए जहां क्लेरमाउंट ग्रेजुएट यूनिवर्सिटी, कैलिफोर्नियां से पब्लिक पॉलिसी में स्नातकोत्तर की उपाधि ली।
वे पहली बार 1993 में सांसद बने और उसके बाद लगातार तीन बार जीतते रहे। अभी वे मुलाकू क्षेत्र से पीपुल्स मजलिस में चौथी बार सदस्य हैं।
गयूम के शासनकाल में वे स्टेट इलेक्ट्रिक कंपनी (एसटीईएलसीओ) के अध्यक्ष के साथ स्टेट ट्रेडिंग आर्गेनाइजेशन के भी अध्यक्ष रहे। इन दोनों कंपनियों को लाभ कमाने वाली कंपनी में बदलने का श्रेय उन्हें जाता है।
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