मालदीव के उप राष्ट्रपति अहमद अदीब (फाइल फोटो)
माले:
मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन की हत्या का प्रयास करने के आरोप में गिरफ्तार उप राष्ट्रपति अहमद अदीब के खिलाफ संसद के अभूतपूर्व सत्र में महाभियोग चलाया गया। राष्ट्रपति द्वारा बुधवार को घोषित 30 दिनों के आपातकाल को संसद ने गुरुवार को मंजूरी दे दी। इसे लेकर दुनिया भर में चिंता जताई जा रही थी।
संसद में मौजूद 85 सांसदों में 61 ने महाभियोग के पक्ष में मत दिया। मुख्य विपक्षी दल मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के सांसदों ने मतदान का बहिष्कार किया। उपराष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने के लिए 57 मतों की आवश्यकता थी।
महल के पास हथियार और विस्फोटक मिले
संसद के गुरुवार को अभूतपूर्व सत्र में सांसदों ने राष्ट्रपति द्वारा देश भर में घोषित 30 दिन के आपातकाल को मंजूरी दे दी। राष्ट्रपति के महल के पास हथियार और विस्फोटक मिलने के बाद यामीन ने बुधवार को इसकी घोषणा की। संसद से मंजूरी मिलने के साथ ही राष्ट्रपति को सुरक्षा बलों पर पूर्ण अधिकार मिल गया है और लोगों के घूमने-फिरने की तथा एक जगह एकत्र होने की स्वतंत्रता समाप्त हो गई है। राष्ट्रपति यमीन ने कल देश में एक महीने के आपातकाल की घोषणा करते हुए तर्क दिया था कि विस्फोट और उसके बाद हथियारों की बरामदगी से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है।
छह माह के भीतर दूसरे उप राष्ट्रपति पर महाभियोग
‘हावीरू’ अखबार की खबर के अनुसार, सांसदों ने 33 वर्षीय अदीब के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर दो घंटे बहस की और फिर उसे मतदान के लिए रखा गया। अदीब को राष्ट्रपति यामीन की हत्या के प्रयास के मामले में गिरफ्तार किया गया है। पिछले छह महीने से भी कम समय में मालदीव के दो उप राष्ट्रपतियों पर महाभियोग चला है। राष्ट्रपति का विश्वास गंवाने पर पिछले उपराष्ट्रपति मोहम्मद जमील के पद से हटने के बाद अदीब जुलाई में देश के उपराष्ट्रपति बने थे।
कठोर आतंकवाद-निरोधी कानून के तहत चलेगा मामला
गृहमंत्री उमर नसीर के हवाले से कहा गया है कि आंतकवादी संगठन आईएस के साथ सहानुभूति रखने वाले मलदीव के नागरिकों के खिलाफ हाल ही में बने कठोर आतंकवाद-निरोधी कानून के तहत अदीब पर मामला चलेगा। दोषी पाए जाने पर अदीब को 25 वर्ष कारावास की सजा हो सकती है। गृहमंत्री नसीर ने कहा, ‘अब जब उपराष्ट्रपति पद से हट गए हैं, हम उनके खिलाफ हाल में बने आतंकवाद-निरोधी कानून के तहत मुकदमा चलाएंगे।’ मुख्य विपक्षी पार्टी एमडीपी द्वारा प्रस्तावित प्रदर्शन से ठीक पहले आपातकाल की घोषणा की गई है। पार्टी अपने नेता और पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद को जेल से रिहा कराने के लिए यामीन पर दबाव बनाने हेतु प्रदर्शन करने वाली थी। नशीद को भी आतंकवाद-निरोधी कानून के तहत जेल भेजा गया है, जिसकी लोगों ने जमकर आलोचना की।
राष्ट्रपति की हत्या का षड्यंत्र रचने का आरोप
राष्ट्रपति यामीन ने देश में आपातकाल की घोषणा करने के बाद, उपराष्ट्रपति के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब देने के लिए 14 दिनों के नोटिस की संवैधानिक अनिवार्यता को खत्म करके अपने कनिष्ठ के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया तेज कर दी। चीन की आधिकारिक यात्रा से लौटने के बाद अदीब को 25 अक्तूबर को गिरफ्तार किया गया और उन्हें काफु एटोल के धूनिधू द्वीप स्थित पुलिस हिरासत केन्द्र ले जाया गया। उन पर 28 सितंबर को राष्ट्रपति के स्पीडबोट में हुए विस्फोट का षड्यंत्र करने का आरोप है। विस्फोट के वक्त राष्ट्रपति यामीन और प्रथम महिला फातिमाह इब्राहीम हवाई अड्डे से माले जा रहे थे। दोनों सउदी अरब से हज करके उसी दिन सुबह घर लौट रहे थे। राष्ट्रपति को हादसे में कोई नुकसान नहीं पहुंचा जबकि उनकी पत्नी की रीढ़ की हड्डी टूट गई है और वह अभी भी अस्पताल में हैं। हालांकि अमेरिकी खुफिया एजेंसी एफबीआई ने विस्फोट की जांच के बाद कहा कि उसे बम से विस्फोट होने का कोई साक्ष्य नहीं मिला है।
महाभियोग पर प्रतिक्रिया देने का अवसर मिलेगा अदीब को
सत्तारूढ़ गठबंधन के सांसदों ने पिछले सप्ताह उपराष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव रखा था। इस प्रस्ताव पर 52 सांसदों के हस्ताक्षर थे जिनमें सत्तारूढ़ प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव्स (पीपीएम), उसके गठबंधन सहयोगी मालदीव्स डेवेलपमेंट एलायंस (एमडीए) और अब सरकार का साथ दे रही जमूरी पार्टी (जेपी) के सदस्य शामिल हैं। तीन सरकार समर्थक दलों के पास संसद में 67 सदस्यों वाला बहुमत है। ‘हावीरू’ की खबर के मुताबिक, संविधान के अनुसार, उपराष्ट्रपति को व्यक्तिगत या लिखित रूप से महाभियोग पर प्रतिक्रिया देने का अवसर दिया जाएगा।
महाभियोग पर दुनिया भर में तीखी प्रतिक्रिया
महाभियोग को लेकर भारत और अमेरिका सहित पूरी दुनिया में तीखी प्रतिक्रिया हुई है। भारत ने गुरुवार को कहा कि वह मालदीव में तेजी से बदलते राजनीतिक हालात की ‘बड़ी सावधानी से निगरानी’ कर रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा, ‘मालदीव निकट पड़ोसी है.. हमारे लिए यह जानना जरूरी है कि वहां क्या हो रहा है। हम वहां आपातकाल की घोषणा और आज उपराष्ट्रपति के महाभियोग जैसे घटनाक्रम की बहुत-बहुत ध्यान से निगरानी कर रहे हैं।’ मालदीव में आपातकाल लगाए जाने पर चिंता जताते हुए अमेरिका ने मालदीव सरकार से तुरंत सभी संवैधानिक स्वतंत्रताएं बहाल करने तथा राजनीति से प्रेरित सुनवाई और हिरासत में लिए जाने को खत्म करने को कहा है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन कीर्बी ने कहा, ‘अमेरिका मालदीव सरकार से आपातकाल को समाप्त कर अपने नागरिकों की सभी संवैधानिक स्वतंत्रताएं पुन: बहाल करने की अपील करता है।’
संसद में मौजूद 85 सांसदों में 61 ने महाभियोग के पक्ष में मत दिया। मुख्य विपक्षी दल मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के सांसदों ने मतदान का बहिष्कार किया। उपराष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने के लिए 57 मतों की आवश्यकता थी।
महल के पास हथियार और विस्फोटक मिले
संसद के गुरुवार को अभूतपूर्व सत्र में सांसदों ने राष्ट्रपति द्वारा देश भर में घोषित 30 दिन के आपातकाल को मंजूरी दे दी। राष्ट्रपति के महल के पास हथियार और विस्फोटक मिलने के बाद यामीन ने बुधवार को इसकी घोषणा की। संसद से मंजूरी मिलने के साथ ही राष्ट्रपति को सुरक्षा बलों पर पूर्ण अधिकार मिल गया है और लोगों के घूमने-फिरने की तथा एक जगह एकत्र होने की स्वतंत्रता समाप्त हो गई है। राष्ट्रपति यमीन ने कल देश में एक महीने के आपातकाल की घोषणा करते हुए तर्क दिया था कि विस्फोट और उसके बाद हथियारों की बरामदगी से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है।
छह माह के भीतर दूसरे उप राष्ट्रपति पर महाभियोग
‘हावीरू’ अखबार की खबर के अनुसार, सांसदों ने 33 वर्षीय अदीब के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर दो घंटे बहस की और फिर उसे मतदान के लिए रखा गया। अदीब को राष्ट्रपति यामीन की हत्या के प्रयास के मामले में गिरफ्तार किया गया है। पिछले छह महीने से भी कम समय में मालदीव के दो उप राष्ट्रपतियों पर महाभियोग चला है। राष्ट्रपति का विश्वास गंवाने पर पिछले उपराष्ट्रपति मोहम्मद जमील के पद से हटने के बाद अदीब जुलाई में देश के उपराष्ट्रपति बने थे।
कठोर आतंकवाद-निरोधी कानून के तहत चलेगा मामला
गृहमंत्री उमर नसीर के हवाले से कहा गया है कि आंतकवादी संगठन आईएस के साथ सहानुभूति रखने वाले मलदीव के नागरिकों के खिलाफ हाल ही में बने कठोर आतंकवाद-निरोधी कानून के तहत अदीब पर मामला चलेगा। दोषी पाए जाने पर अदीब को 25 वर्ष कारावास की सजा हो सकती है। गृहमंत्री नसीर ने कहा, ‘अब जब उपराष्ट्रपति पद से हट गए हैं, हम उनके खिलाफ हाल में बने आतंकवाद-निरोधी कानून के तहत मुकदमा चलाएंगे।’ मुख्य विपक्षी पार्टी एमडीपी द्वारा प्रस्तावित प्रदर्शन से ठीक पहले आपातकाल की घोषणा की गई है। पार्टी अपने नेता और पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद को जेल से रिहा कराने के लिए यामीन पर दबाव बनाने हेतु प्रदर्शन करने वाली थी। नशीद को भी आतंकवाद-निरोधी कानून के तहत जेल भेजा गया है, जिसकी लोगों ने जमकर आलोचना की।
राष्ट्रपति की हत्या का षड्यंत्र रचने का आरोप
राष्ट्रपति यामीन ने देश में आपातकाल की घोषणा करने के बाद, उपराष्ट्रपति के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब देने के लिए 14 दिनों के नोटिस की संवैधानिक अनिवार्यता को खत्म करके अपने कनिष्ठ के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया तेज कर दी। चीन की आधिकारिक यात्रा से लौटने के बाद अदीब को 25 अक्तूबर को गिरफ्तार किया गया और उन्हें काफु एटोल के धूनिधू द्वीप स्थित पुलिस हिरासत केन्द्र ले जाया गया। उन पर 28 सितंबर को राष्ट्रपति के स्पीडबोट में हुए विस्फोट का षड्यंत्र करने का आरोप है। विस्फोट के वक्त राष्ट्रपति यामीन और प्रथम महिला फातिमाह इब्राहीम हवाई अड्डे से माले जा रहे थे। दोनों सउदी अरब से हज करके उसी दिन सुबह घर लौट रहे थे। राष्ट्रपति को हादसे में कोई नुकसान नहीं पहुंचा जबकि उनकी पत्नी की रीढ़ की हड्डी टूट गई है और वह अभी भी अस्पताल में हैं। हालांकि अमेरिकी खुफिया एजेंसी एफबीआई ने विस्फोट की जांच के बाद कहा कि उसे बम से विस्फोट होने का कोई साक्ष्य नहीं मिला है।
महाभियोग पर प्रतिक्रिया देने का अवसर मिलेगा अदीब को
सत्तारूढ़ गठबंधन के सांसदों ने पिछले सप्ताह उपराष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव रखा था। इस प्रस्ताव पर 52 सांसदों के हस्ताक्षर थे जिनमें सत्तारूढ़ प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव्स (पीपीएम), उसके गठबंधन सहयोगी मालदीव्स डेवेलपमेंट एलायंस (एमडीए) और अब सरकार का साथ दे रही जमूरी पार्टी (जेपी) के सदस्य शामिल हैं। तीन सरकार समर्थक दलों के पास संसद में 67 सदस्यों वाला बहुमत है। ‘हावीरू’ की खबर के मुताबिक, संविधान के अनुसार, उपराष्ट्रपति को व्यक्तिगत या लिखित रूप से महाभियोग पर प्रतिक्रिया देने का अवसर दिया जाएगा।
महाभियोग पर दुनिया भर में तीखी प्रतिक्रिया
महाभियोग को लेकर भारत और अमेरिका सहित पूरी दुनिया में तीखी प्रतिक्रिया हुई है। भारत ने गुरुवार को कहा कि वह मालदीव में तेजी से बदलते राजनीतिक हालात की ‘बड़ी सावधानी से निगरानी’ कर रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा, ‘मालदीव निकट पड़ोसी है.. हमारे लिए यह जानना जरूरी है कि वहां क्या हो रहा है। हम वहां आपातकाल की घोषणा और आज उपराष्ट्रपति के महाभियोग जैसे घटनाक्रम की बहुत-बहुत ध्यान से निगरानी कर रहे हैं।’ मालदीव में आपातकाल लगाए जाने पर चिंता जताते हुए अमेरिका ने मालदीव सरकार से तुरंत सभी संवैधानिक स्वतंत्रताएं बहाल करने तथा राजनीति से प्रेरित सुनवाई और हिरासत में लिए जाने को खत्म करने को कहा है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन कीर्बी ने कहा, ‘अमेरिका मालदीव सरकार से आपातकाल को समाप्त कर अपने नागरिकों की सभी संवैधानिक स्वतंत्रताएं पुन: बहाल करने की अपील करता है।’
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