विज्ञापन
This Article is From Sep 14, 2020

भारत के खिलाफ आक्रामक रुख के 'कर्ताधर्ता' थे चीनी राष्‍ट्रपति लेकिन उनके सैनिक रहे नाकाम: रिपोर्ट

चेंग के अनुसार, शी चिनफिंग, भारत के खिलाफ इस आक्रामक कदम के कर्ता-धर्ता यानी आर्किटेक्‍ट थे और इसमें चीनी सैनिक अप्रत्‍याशित रूप से फ्लॉप साबित हुए. उनके अनुसार, एलएसी पर चीनी सेना की इस नाकामी के निश्चित रूप से परिणाम होंगे.

भारत के खिलाफ आक्रामक रुख के 'कर्ताधर्ता' थे चीनी राष्‍ट्रपति लेकिन उनके सैनिक रहे नाकाम: रिपोर्ट
चीन के राष्‍ट्रपत‍ि शी चिनफिंग (फाइल फोटो)
वॉशिंगटन:

वास्‍तविक नियंत्रण रेखा यानी LAC पर भारतीय सैनिकों को पीछे धकेलने की चीन की योजना फ्लॉप होने के मायने यह है कि चीनी राष्‍ट्रपति शी चिनफिंग (Xi Jinping) की किसी को डराने-धमकाने  (Intimidate)की क्षमता कम हो गई है. यह दावा न्‍यूज वीक में प्रकाशित एक लेख में किया गया है. मशहूर टिप्‍पणीकार गॉर्डन जी चेंग ने अपने आर्टिकल में लिखा है कि चीन के राष्‍ट्रपति ने भारत और चीन के बीच की सीमा यानी LAC पर पीपुल्‍स लिबरेशन आर्मी (PLA) के नाकाम हाईप्रोफाइल घुसपैठ के कारण अपने भविष्‍य को जोखिम में डाल लिया है. 

PM से लेकर CJI तक की चीनी जासूसी की खबर पर कांग्रेस के सवाल- क्या सरकार को पहले से...

चेंग के अनुसार, शी चिनफिंग, भारत के खिलाफ इस आक्रामक कदम के कर्ता-धर्ता यानी आर्किटेक्‍ट थे और इसमें चीनी सैनिक अप्रत्‍याशित रूप से फ्लॉप साबित हुए. उनके अनुसार, एलएसी पर चीनी सेना की इस नाकामी के निश्चित रूप से परिणाम होंगे लेकिन इसके साथ ही यह नाकामी, चीनी कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के चेयरमैन और पीएलए के लीडर के तौर पर भारतीय पोस्‍ट के खिलाफ और अधिक आक्रामक अभियान छेड़ने के लिए प्रेरित भी करेगी. गौरतलब है कि इस वर्ष मई माह में चीनी सैनिक, एलएसी के दक्षिण में तीन स्‍थानों पर आगे बढ़े थे. भारत-चीन सीमा के खराब सीमांकन (Poorly demarcated) के चलते चीनी सैनिकों ने भारतीय क्षेत्र में अतिक्रमण किया, खासतौर पर शी के वर्ष 2012 में पार्टी महासचिव बनने के बाद.

गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव अपने चरम पर है. हाल ही में दोनों देशों ने एक-दूसरे पर टकराव के दौरान हवा में गोलियां चलाने का आरोप लगाया था. LAC पर 45 साल बाद ऐसा हुआ है जब किसी भी पक्ष की तरफ से गोलियां चलाई गईं हों. भारतीय थल सेना ने कहा था कि चीनी सेना ने पैंगोंग झील के दक्षिणी तट के करीब सात सितंबर की शाम भारतीय मोर्चे के नजदीक आने की कोशिश की और हवा में गोलियां भी चलाईं. इससे पहले PLA ने आरोप लगाया था कि भारतीय सैनिकों ने LAC पार की और पैंगोंग झील के पास वॉर्निंग फायर किए. पिछले हफ्ते विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सीमा के हालातों को बेहद गंभीर बताते हुए कहा था कि राजनीतिक स्तर पर बहुत गहन विचार विमर्श की जरूरत है. बताते चलें कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को संघर्ष में 20 भारतीय सैन्यकर्मियों के शहीद होने के बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव काफी बढ़ गया था. चीनी जवान भी हताहत हुए लेकिन पड़ोसी देश ने उनका ब्योरा नहीं दिया. तनाव के इस माहौल में दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों और विदेश मंत्रियों के बीच रूस के मॉस्‍को में बातचीत हो चुकी है. इस बातचीत के दौरान मुख्‍यत: एलएसी के आसपास तनाव कम करने पर जोर दिया गया.

चीनी सेना की उकसाने वाली कार्रवाई

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com