विज्ञापन
This Article is From Feb 09, 2011

दक्षिण एशिया में अस्वस्थ आबादी का संकट : विश्व बैंक

वाशिंगटन: विश्व बैंक ने चेतावनी दी है कि दक्षिण एशिया को अस्वस्थ आबादी के संकट का सामना करना पड़ सकता है। ज्यादातर दक्षिण एशियाई देश अपनी बुजुर्ग आबादी को स्वस्थ रखने में विफल रहे हैं और वहां आय की असमानता के कारण यह संकट बढ़ता जा रहा है। समाचार एजेंसी डीपीए के मुताबिक दक्षिण एशिया में दिल की बीमारियों, मधुमेह, मोटापा और अन्य गम्भीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों की संख्या खतरनाक रूप से बढ़ती ही जा रही है। इन देशों के कई गरीब लोग लम्बा जीवन तो जी रहे हैं लेकिन उन्हें न तो स्वस्थ जीवन शैली मिलती है और न ही स्वास्थ्य सम्बंधी देखभाल। विश्व बैंक ने अपनी एक नई रिपोर्ट में मंगलवार को कहा कि दक्षिण एशिया में 15 से 69 वर्ष आयु के लोगों की मौत का मुख्य कारण दिल की बीमारियां हैं। इस क्षेत्र की आबादी में औसत व्यक्ति को 53 वर्ष की आयु में पहले दिल के दौरे का सामना करना पड़ता है, जो शेष दुनिया से छह वर्ष पहले है। विश्व बैंक की इस रिपोर्ट के सह-लेखक माइकल एंजेलग्यू कहते हैं कि इस क्षेत्र के लोग अक्सर दिल के दौरे के बाद गरीबी की चपेट में आ जाते हैं। इस बीमारी के कारण उन्हें खर्चीला इलाज कराना पड़ता है जिसे वे मुश्किल से ही करा सकते हैं। दक्षिण एशिया के लोग औसत से अधिक जीते हैं और इसकी वजह एड्स व तपेदिक जैसी संक्रामक बीमारियों से निपटने में मिली सफलता है। रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि कई देश बुजुर्ग आबादी में होने वाली कई खतरनाक बीमारियों से निपटने में विफल रहे हैं। गरीबों को बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं भी नहीं मिल पाती हैं लेकिन इसके बाद भी उनकी जिंदगी लम्बी होती है। विश्व बैंक ने दक्षिण एशियाई देशों से तम्बाकू का इस्तेमाल रोकने व स्वास्थ्यवर्धक खान-पान के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए कहा है।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
वर्ल्ड बैंक, असमानता, , एशिया आबादी, अस्वस्थ
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com