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'पीएलए जो कुछ करेगा वह भारतीय पक्ष की कार्रवाइयों पर निर्भर करेगा'
चीन के सरकारी मीडिया का भारत के खिलाफ जहर उगलने का सिलसिला जारी
‘सीमा पर अब भी भारतीय सशस्त्र बलों का बड़ी संख्या में जमावड़ा है’
इस यात्रा में भारतीय मीडिया के समक्ष पीएलए के युद्धकौशल का विरला प्रदर्शन भी शामिल है. युद्धकौशल के प्रदर्शन में छोटे हथियारों से निशाना बनाना, आमने सामने की जंग में ‘दुश्मन सैनिकों’ को पकड़ना और वास्तविक युद्धक स्थितियों में थल सेना स्क्वाडों का लेजर सिमुलेशन आधारित प्रशिक्षण शामिल था. बहरहाल, ली ने स्पष्ट किया कि इस प्रदर्शन से डोकलाम का कोई खास रिश्ता नहीं है जहां चीन के मुताबिक एक बुलडोजर के साथ 48 भारतीय सैनिक अब भी मौजूद हैं. इससे पहले, चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा था, ‘‘इसके अतिरिक्त, सीमा पर अब भी भारतीय सशस्त्र बलों का बड़ी संख्या में जमावड़ा है.’’
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डोकलाम में मौजूदा गतिरोध पर सवालों के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘पीएलए जो कुछ करेगा वह भारतीय पक्ष की कार्रवाइयों पर निर्भर करेगा. जब जरूरत होगी, हम उपयुक्त कार्रवाई करेंगे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम सीपीसी (चीन की कम्युनिस्ट पार्टी) और (चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की अध्यक्षता में 23 लाख सैनिकों की समग्र उच्च कमान) केन्द्रीय सैन्य आयोग के आदेशों का पालन करेंगे.’’ यह छावनी पीएलए अधिकारियों और सैनिकों के सबसे पुराने और सर्वाधिक अहम प्रशिक्षण केन्द्रों में से एक है. यह चीनी राजधानी की रक्षा के लिए भी जिम्मेदार है. छावनी में तकरीबन 11,000 सैनिक रहते हैं.
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इस बीच, चीन के सरकारी मीडिया ने भारत के खिलाफ जहर उगलने का सिलसिला जारी रखा. सरकारी ‘चाइना डेली’ में प्रकाशित एक लेख में कहा गया है कि सीमा में भारत की ‘घुसपैठ’ के पीछे ‘गलत भूरणनीतिक आकलन’ है. लेख में कहा गया है, ‘‘चीन के लिए भारतीय सेना की घुसपैठ अनापेक्षित थी और यह अस्वीकार्य है क्योंकि यह सीमा के एक ऐसे खंड में हुई जिसे लंबे और कठिन सीमा विवाद के दौरान दोनों पक्षों ने अब तक किसी भी विवाद से परे माना था.’’ इसमें कहा गया है कि भारत की ‘घुसपैठ’ को चीन की भौगोलिक अखंडता के उल्लंघन से कम नहीं माना गया है और अपनी सरजमीन की रक्षा के लिए उसे ‘जो भी उपाय’ जरूरी लगे, उसे इस्तेमाल करने का कानूनन अधिकार है.
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लेख में कहा गया था, ''जहां पड़ोसियों के बीच गलतफहमियां समझी जा सकती हैं. भारत को विधिविहीन उकसावेबाजी नहीं, बेबाक वार्ता में जुड़ना चाहिए.'' चीनी सेना ने भूटान तिराहे के निकट सड़क निर्माण शुरू किया था. इसके बाद, डोकलाम को लेकर चीन और भारत के बीच 16 जून से गतिरोध है.
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भूटान ने यह कहते हुए चीन के समक्ष विरोध जताया कि यह इलाका उसका है. उसने चीन पर सीमा विवाद हल नहीं होने तक यथास्थिति बनाए रखने पर लक्षित संधियों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया. भारत ने कहा कि सड़क निर्माण की चीनी कार्रवाई एकतरफा है और यह यथास्थिति बदलती है. उसे अंदेशा है कि सड़क से चीन पूर्वोत्तर राज्यों तक भारत की पहुंच काट सकता है.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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