कोविड की वजह से दुनियाभर के लोगों की जिंदगी पटरी से उतर गई. खैर अब जैसे-तैसे हर देश कोरोना से उबरने की कोशिश में लगा हुआ है. ऐसे में ज्यादातर लोग अपनी पुरानी जिंदगी की तरफ लौट रहे हैं. जहां कई देशों में कोरोना (Corona) पाबंदियों को हटा दिया गया है. वहीं कुछ और देश अब कोरोना पाबंदियों में ढील देते नजर आ रहे हैं. अमेरिकी वैश्विक स्वास्थ्य शोधकर्ता क्रिस्टोफर मरे के अनुसार कोविड -19 जारी रहेगा लेकिन महामारी का अंत अब निकट है.
डब्ल्यूएचओ (WHO) के मुताबिक इस साल के मध्य तक महामारी का मुश्किल दौर समाप्त हो सकता है. लेकिन इसके लिए दुनिया के लगभग 70 प्रतिशत लोगों को टीका (Vaccine) लगाया जाना जरूरी है. आइए एक्सपर्ट (Expert) के हिसाब से जानते हैं कि क्या अब ये महामारी इस साल तक खत्म हो जाएगी या नहीं?
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय (Oxford University) के वायरोलॉजिस्ट एरिस काटज़ोराकिस ने कहा, "'स्थानिक' शब्द महामारी के सबसे अधिक दुरुपयोग में से एक बन गया है.""कोई बीमारी स्थानिक, व्यापक और घातक दोनों हो सकती है," उन्होंने पिछले हफ्ते नेचर पत्रिका में लिखा था कि मलेरिया ने 2020 में 600,000 से अधिक लोगों को मार डाला, जबकि 1.5 मिलियन तपेदिक से मर गए.
ब्रिटिश सरकार की वैज्ञानिक सलाहकार संस्था SAGE के मुताबिक सबसे खराब स्थिति के तहत, नए अप्रत्याशित वेरिएंट बार-बार जन्म लेते हैं. इसलिए ऐसे वायरस से बचने के लिए कठोर प्रतिबंधों की वापसी की आवश्यकता होती है. विभिन्न परिणाम दो प्रमुख अनिश्चितताओं पर टिके हैं. जिनमें वायरस के नए रूपों का संभावित उद्भव शामिल है. इसी के साथ लंबी अवधि में बीमारी से बचाव के लिए टीकों की क्षमता भी काफी मायने रखती है.
नए कोविड वायरस का खतरा
कई महामारी विज्ञानियों का कहना है कि केवल कोविड को अनियंत्रित फैलने देने से इसके नए रूप लेने की अधिक संभावना है और इस बात की कोई पुख्ता गारंटी नहीं है कि ऐसे नए वेरिएंट कम घातक होंगे. काटज़ोराकिस ने कहा कि डेल्टा संस्करण (Delta Variant) चीन के वुहान में उभरे पहले वायरस की तुलना में घातक था. ओमीक्रोन वर्तमान में उपलब्ध टीकों से आंशिक रूप से बचाव करता है. लेकिन तीसरे बूस्टर शॉट जो दुनिया भर में शुरू किए गए हैं, वे गंभीर बीमारी और मृत्यु को रोकने में बहुत प्रभावी हैं .
बचाव के लिए टीके?
इज़राइल और स्वीडन जैसे देशों ने वैक्सीन की चौथी खुराक देना शुरू कर दिया है, लेकिन विशेषज्ञों को डर है कि बूस्टर शॉट्स देना एक अदूरदर्शी रणनीति है. क्योंकि जनवरी में एक इज़राइली परीक्षण के दौरान ये भी पाया गया कि चौथी खुराक ओमीक्रोन (Omicron) के खिलाफ कम प्रभावी थी. जानवरों पर किए गए परीक्षणों के शुरुआती परिणामों ने सुझाव दिया है कि लक्षित टीके उनके पहले की तुलना में ओमीक्रोन के खिलाफ अधिक प्रभावी नहीं हैं.
इसका एक और तरीका हो सकता है: टीके के दायरे को कम करने के बजाय इसे ज्यादा व्यापक बनाना. एंथोनी फौसी सहित तीन शोधकर्ताओं ने एक ऐसी कोरोनावायरस वैक्सीन (Vaccine) का जिक्र किया है जो न केवल कोविड के खिलाफ बल्कि भविष्य के नए कोरोना वायरस वेरिएंट के खिलाफ भी असरदार होगी. शोधकर्ताओं ने न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में लिखा, "हमें अब व्यापक रूप से सुरक्षात्मक टीकों के विकास को प्राथमिकता देनी चाहिए."
हालांकि इस तरह के टीके को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और पहले प्रयासों ने अभी-अभी मनुष्यों पर परीक्षण शुरू किया है. इस बीच, डब्ल्यूएचओ *WHO) इस बात पर जोर देता है कि महामारी के बुरे दौर को समाप्त करने का सबसे अच्छा तरीका है कि वैक्सीन की खुराक सभी के साथ साझा की जाए है. डब्ल्यूएचओ के अनुसार, पिछले महीने के अंत तक केवल 13 प्रतिशत अफ्रीकियों को पूरी तरह से टीका लगाया गया था - जो कि 70 प्रतिशत लक्ष्य से बहुत कम है.
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