अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी ने राष्ट्रपति चुनाव (US President Election 2024) जीत लिया है. ट्रंप ने अमेरिका की सत्ता पर कब्जा जमा लिया है. ट्रंप की जीत से कई ऐसे देश हैं, जिनकी टेंशन बढ़ गई है. उनमें चीन भी शामिल हो सता है, इसके पीछे कई वजह भी हैं. माना जा रहा है कि चीन को ट्रंप (China On Trump) की ये जीत रास नहीं आ रही है, ये अंदाजा उनकी जीत पर रिपब्लिक ऑफ चाइना की प्रतिक्रिया से लगाया जा सकता है. उन्होंने इसे अमेरिका का आंतरिक मामला बताते हुए इससे सामान्य तरीके से निपटे जाने की बात कही है. चीन की नींद उड़ने के कई कारणों में चीन से आयात पर 60 प्रतिशत टैरिफ लगाने से लेकर ट्रंप का वुहान वायरस वाला वो बयान भी है, जो कोरोनाकाल में जमकर वायरल हुआ था.
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डोनाल्ड ट्रंप ने ही सबसे पहले वाशिंगटन में चीन की तरफ से अमेरिकी सत्ता के लिए पैदा हुए खतरे के बारे में घंटी बजाई थी. ये पहले की ओबामा सरकार के रुख के बिल्कुल विपरीत था. अब देखने वाली बात यह होगी कि ट्रंप की नई सरकार चीन के साथ किस तरह पेश आती है. उम्मीद ये भी जताई जा रही है कि ट्रंप वहीं से आगे बढ़ सकते हैं, जहां उन्होंने 2020 में छोड़ा था.
ट्रंप की जीत से क्यों टेंशन में है चीन?
- अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध शुरू न हो जाए, ये चिंता जिनपिंग को सता रही है.
- ट्रंप ने अपने चुनाव अभियान के दौरान कहा था कि चीन से आने वाले सामान पर वह भारी टैक्स लगाएंगे.
- ट्रंप ने 60 प्रतिशत टैरिफ लगाने की बात कही थी.ऐसे में चीन से अमेरिका आने वाले सामान पर रोक लग सकती है.
- ट्रंप ने चीन के सबसे ज्यादा पसंदीदा राष्ट्र के दर्जे को खत्म करने का भी प्रस्ताव दिया था.
- चीन अमेरिका को हर साल 400 बिलियन डॉलर का सामान बेचता है.
- ट्रंप अमेरिकी गौरव को वापस लाने और अमेरिका को फिर से महान बनाने की बात कह चुके हैं.
- चीन को ये डर सता रहा है कि ट्रंप सप्लाई चेन और टेक कंपनियों को वापस बुला सकते हैं.इसेस चीन को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ सकता है.
कोरोना माहमारी के लिए चीन को खूब सुनाया
ट्रंप की "वुहान वायरस" वाले वो बयान एक बार फिर से ताजा हो गए हैं, जिनका जिक्र उन्होंने कोरोना काल में चीन को सुनाने के लिए किया था. ट्रंप ने कोरोना माहमारी के लिए चीन को ही जिम्मेदार ठहराते हुए इसे चीनी वायरस तक कह दिया था.उन्होंने कहा था कि कोरोना वायरस वुहान के लैब से बाहर आया है. ट्रंप ने यहां तक कह दिया था कि चीन को महामारी से होने वाली मौतों और नुकसान की भरपाई के लिए अमेरिका समेत दुनियाभर को 10 ट्रिलियन का भुगतान करना चाहिए.
ट्रंप ने ये भी कहा था कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा प्रशासन ने बेवकूफी करते हुए वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के लिए फंडिग की. उन्होंने ये भी बताया था कि कोरोना महामारी की शुरुआत में ही उन्होंने चीन के साथ बॉर्डर बंद कर दिया था.
चीन को सता रहा कौन सा डर?
दरअसल आर्थिक सुस्ती से जकड़े चीन ने अपनी अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने के लिए बड़े प्रोत्साहन पैकेज का ऐलान किया था. इसके बाद बड़ी संख्या में निवेशक भारत से चीन गए थे. लेकिन ट्रंप के जीतते ही वह वापस आ सकते हैं. इसका अंदाजा शेयर मार्केट में आई तेजी से ही लगाया जा सकता है.
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