
अमेरिका में जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में भारतीय मूल के पोस्टडॉक्टरल एसोसिएट बदर खान सूरी को गिरफ्तार कर लिया गया है. अब उन्हें अमेरिका से वापस भेजा जा रहा है यानी उन्हें निर्वासन का सामना करना पड़ रहा है. बदर खान सूरी "दक्षिण एशिया में बहुसंख्यकवाद और अल्पसंख्यक अधिकार" विषय पर क्लास लेते हैं. जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता के एक बयान के अनुसार, बदर खान सूरी ने "इराक और अफगानिस्तान में शांति निर्माण पर अपने डॉक्टरेट रिसर्च को जारी रखने के लिए" अमेरिकी वीजा मिला था.
होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट की सहायक सचिव ट्रिसिया मैकलॉघलिन ने एक्स पर लिखा, "सूरी जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में एक फॉरेन एक्सचेंज स्टूडेंग था जो सक्रिय रूप से हमास का प्रचार कर रहा था और सोशल मीडिया पर यहूदी विरोधी भावना को बढ़ावा दे रहा था."
बदर खान सूरी कौन हैं?
डॉ. बदर खान सूरी, एडमंड ए. वॉल्श स्कूल ऑफ फॉरेन सर्विस, जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी, वाशिंगटन, डीसी में मुस्लिम-ईसाई समझ के लिए अलवलीद बिन तलाल सेंटर में पोस्टडॉक्टरल फेलो हैं. उन्होंने 2020 में नेल्सन मंडेला सेंटर फॉर पीस एंड कॉन्फ्लिक्ट रेजोल्यूशन, जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली से शांति और संघर्ष अध्ययन में अपनी पीएचडी पूरी की.
वह एक इंटरडिसिप्लिनरी विद्वान हैं. उनकी पत्नी, मफेज सालेह, गाजा से हैं और जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में समकालीन अरब अध्ययन केंद्र में प्रथम वर्ष की छात्रा हैं. वह अमेरिकी नागरिक हैं.
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