मुल्ला उमर (फाइल फोटो)
वाशिंगटन:
तालिबान के चीफ़ मुल्ला उमर के मारे जाने की खबर को व्हाइट हाउस ने 'विश्वसनीय' बताया है। व्हाइट हाउस प्रेस सचिव एरिक शुल्ट्ज ने कहा, 'हम मुल्ला उमर की मौत की खबरों से अवगत हैं। हमारा मानना है कि खबरें विश्वसनीय हैं।' लेकिन शुल्ट्ज ने कहा कि वह ब्यौरे में नहीं जाएंगे।
इससे पहले BBC ने अफगानिस्तान के सरकारी सूत्रों के हवाले से ये खबर दी थी कि मुल्ला उमर मारा गया है। हालांकि मुल्ला उमर के संगठन तालिबान ने उसकी मौत की पुष्टि नहीं की है।
मुल्ला उमर ने रूस की फौजों के खिलाफ लंबी जंग लड़ी। मुल्ला उमर तालिबान के संस्थापकों में था, जिसने पाकिस्तान के कबायली इलाके में मदरसा छात्रों को संगठित करके तालिबान की नींव रखी और अफ़गानिस्तान में अपना प्रभाव बढ़ाता चला गया। इस दौरान पाकिस्तान की सेना और खुफिया एजेंसियों से उसे लगातार मदद मिलती रही। मुल्ला उमर के लड़ाकों ने अफ़गानिस्तान को रूसी फौज को खदेड़ने में अहम भूमिका निभाई।
इसी दौरान सऊदी अरब से पेशावर पहुंचे ओसामा बिन लादेन की मुलाकात मुल्ला उमर से हुई। दोनों का मकसद एक था, लिहाजा दोस्ती गहरी होती गई और यही वजह है कि 9/11 हमलों के बाद जब अमेरिका ओसामा के पीछे पीछे पड़ा था, तो मुल्ला उमर ने उसे कथित तौर पर पनाह दी। (इनपुट भाषा से भी)
इससे पहले BBC ने अफगानिस्तान के सरकारी सूत्रों के हवाले से ये खबर दी थी कि मुल्ला उमर मारा गया है। हालांकि मुल्ला उमर के संगठन तालिबान ने उसकी मौत की पुष्टि नहीं की है।
मुल्ला उमर ने रूस की फौजों के खिलाफ लंबी जंग लड़ी। मुल्ला उमर तालिबान के संस्थापकों में था, जिसने पाकिस्तान के कबायली इलाके में मदरसा छात्रों को संगठित करके तालिबान की नींव रखी और अफ़गानिस्तान में अपना प्रभाव बढ़ाता चला गया। इस दौरान पाकिस्तान की सेना और खुफिया एजेंसियों से उसे लगातार मदद मिलती रही। मुल्ला उमर के लड़ाकों ने अफ़गानिस्तान को रूसी फौज को खदेड़ने में अहम भूमिका निभाई।
इसी दौरान सऊदी अरब से पेशावर पहुंचे ओसामा बिन लादेन की मुलाकात मुल्ला उमर से हुई। दोनों का मकसद एक था, लिहाजा दोस्ती गहरी होती गई और यही वजह है कि 9/11 हमलों के बाद जब अमेरिका ओसामा के पीछे पीछे पड़ा था, तो मुल्ला उमर ने उसे कथित तौर पर पनाह दी। (इनपुट भाषा से भी)
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