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This Article is From Sep 09, 2014

चीनी राष्ट्रपति को दिए गए नोट में पीएम मोदी ने क्या कहा?

चीनी राष्ट्रपति को दिए गए नोट में पीएम मोदी ने क्या कहा?
चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल
बीजिंग:

भारत और चीन के शीर्ष अधिकारियों ने आज राष्ट्रपति शी चिनफिंग की पहली भारत यात्रा की तैयारियों को अंतिम रूप दिया। इसमें यात्रा कार्यक्रम तथा इस दौरान होने वाली चर्चा के प्रमुख मुद्दे शामिल हैं।

संकेत है कि शी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृहराज्य गुजरात से 16 सितंबर को भारत की यात्रा शुरू कर सकते हैं। इस संकेत के बीच उनकी इस उच्च महत्व की यात्रा के कार्यक्रमों को अंतिम रूप दिया गया।

इसी सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष प्रतिनिधि के रूप में यहां आए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने चीन के अधिकारियों के साथ मिल कर यात्रा की तैयारियों को अंतिम रूप दिया। वह आज राष्ट्रपति शी से भी मिले और उन्हें प्रधानमंत्री मोदी का एक व्यक्तिगत पत्र दिया। अगले सप्ताह होने वाली इस यात्रा के कार्यक्रम को जाहिर नहीं होने दिया गया है।

डोभाल का स्वागत करते हुए शी ने कहा कि कार्यक्रम को अंतिम रूप देने के लिए उनकी यात्रा इस बात की गवाह है कि मोदी तथा भारत सरकार चीन के साथ रिश्ते को कितना महत्व देती है। उन्होंने डोभाल से कहा, 'यह अन्य देशों के लिए एक सकारात्मक संकेत है और मैं इसकी प्रशंसा करता हूं।'

शी चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के महासचिव भी है। जुलाई में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान ब्राजील के शहर फोर्टालीजा में मोदी के साथ अपनी पहली बैठक का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 'मोदी के साथ जो बातचीत हुई, उससे मैं खुश हूं। उस बैठक के दौरान चीन और भारत के नेता एक महत्वपूर्ण समझौते पर पहुंचे।'

शी ने कहा, 'हम दोनों इस बात पर सहमत हैं कि चीन-भारत संबंध महत्वपूर्ण रणनीतिक प्रभाव वाला है और हमें विश्वास है कि साझा हितों तथा सहयोग को और मजबूत बनाने के साथ हम न केवल संबंधित राष्ट्र के विकास को बढ़ावा देंगे, बल्कि दोनों देशों तथा दोनों देशों की जनता के हितों को भी पूरा करेंगे।' उन्होंने कहा, 'इसका क्षेत्र और दुनिया के लिए महत्वपूर्ण प्रभाव होगा और क्षेत्र एवं पूरी दुनिया के लिए इसका महत्वपूर्ण योगदान होगा।'

भारत यात्रा को लेकर सकारात्मक नजरिये की बात कहते हुए शी चिनफिंग ने कहा, 'मुझे विश्वास है कि इस यात्रा से हमें भारत के विकास और दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग की बेहतर समझ हो सकेगी।' उन्होंने कहा, 'मुझे भरोसा है कि हम द्विपक्षीय संबंधों को नए स्तर पर ले जाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी तथा भारत सरकार के साथ मिलकर काम करेंगे।'

वहीं डोभाल ने कहा कि वह शी से मिलकर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं और उन्हें मोदी का संदेश दिया। उन्होंने कहा, 'फोर्टलीजा में बैठक के बाद यह निर्णय किया गया था आप सितंबर में भारत की यात्रा करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी इस बात को लेकर खासे गंभीर हैं कि आप उनके गृह राज्य अवश्य जाएं।'

डोभाल ने कहा, 'आपके प्रति उनके मन में काफी सम्मान है और आपके साथ बैठक के बारे में कई बार हमसे चर्चा की। उन्होंने उस जगह (वाडनगर) का भी आपसे जिक्र किया जहां महान चीनी दार्शनिक शुआन जांग गए थे। वाडनगर प्रधानमंत्री मोदी का गांव है।'

इससे पहले, डोभाल ने स्टेट काउंसलर यांग जेइची तथा विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की। दोनों पक्षों ने इस बारे में विस्तृत ब्योरा देने से मना कर दिया।

चीनी विदेश मंत्रालय ने आज घोषणा की कि शी चिनफिंग 14-19 सितंबर के बीच भारत, श्रीलंका, और मालदीव की यात्रा करेंगे।

इससे पहले, शी ताजिकिस्तान के दुशांबे में 14वें शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की शिखर बैठक में शिरकत करेंगे। शी के कार्यक्रम में पहले पाकिस्तान शामिल था। वहां के मौजूद राजनीतिक हालात के मद्देनजर शी की पाकिस्तान यात्रा रद्द कर दी और वस्तुत: उसके बाद मालदीव उसमें जोड़ा गया।

डोभाल ने भारतीय मीडिया से कहा कि शी की भारत यात्रा की घोषणा आपसी सहमित से एक साथ भारत और चीन में की जा सकती है। ऐसे संकेत हैं कि शी 16 सितंबर को अहमदाबाद पहुंचेंगे और 19 सितंबर को स्वदेश लौटने से पहले दिल्ली जाएंगे।

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