रूस में हिमस्खलन यानी एवलांच (Russia Avalanche) एक भयानक वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है. वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे भयानक एवलांच में एक स्कीयर (स्कीइंग करने वाला व्यक्ति) दब जाता है. वहीं, एक साथी स्कीयर के समय पर मदद पहुंचाने के कारण उसकी जान बच जाती है.सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो की शुरुआत दो स्कीयर दिख रहे हैं. आसपास का एरिया कई फीट बर्फ से ढका दिख रहा है. कुछ देर के लिए सब कुछ ठीक लगता है, लेकिन तभी पीछे से कुछ टूटने की आवाज आती है. दोनों पीछे मुड़कर एक पहाड़ की चोटी की ओर देखते हैं. देखते ही देखते वहां से बर्फ टूटकर उनकी तरफ गिरने लगती है. अचानक हुए एवलांच से स्कीयर खुद को संभाल नहीं पाता और बर्फ में दबने लगता है. लेकिन तभी उसका साथी आकर उसकी मदद करता है और आखिरकार स्कीयर की जान बच जाती है.
पिछले महीने उत्तराखंड की उत्तरकाशी में आए भीषण एवलांच में प्रशिक्षण के लिए निकले 58 पर्वतारोहियों का दल फंस गया था. वायुसेना ने रेस्क्यू अभियान चलाकर 26 लोगों को बचा लिया, जबकि चार लोगों के शव ही निकाले जा सके. शेष 28 पर्वतारोही लापता बताए जा रहे हैं.
एवलांच क्या होता है?
बर्फ या पत्थर के पहाड़ की ढलान से तेजी से नीचे गिरने को हिमस्खलन या एवलांच कहते हैं. हिमस्खलन के दौरान, बर्फ, चट्टान, मिट्टी और अन्य चीजें किसी पहाड़ से नीचे की ओर तेजी से फिसलती हैं. हिमस्खलन आमतौर पर तब शुरू होता है जब किसी पहाड़ की ढलान पर मौजूद बर्फ या पत्थर जैसी चीजें उसके आसपास से ढीली हो जाती है. इसके बाद ये तेजी से ढलान के नीचे मौजूद और चीजों को इकट्टा कर नीचे की और गिरने लगती हैं. चट्टानों या मिट्टी के स्खलन को भूस्खलन कहते हैं.
कितना हो सकता है वजन?
एक बड़े और पूरी तरह से विकसित हिमस्खलन का वजन 10 लाख टन या 1 अरब किलो तक हो सकता है. पहाड़ों से नीचे गिरने के दौरान इसकी स्पीड 120 किलोमीटर प्रति घंटे से 320 किलोमीटर प्रति घंटे से भी ज्यादा हो सकती है. आमतौर पर हिमस्खलन सर्दियों में होता है और इसके दिसंबर से अप्रैल में होने के आसार ज्यादा रहते हैं.
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