वाशिंगटन:
अमेरिका के एक बोगस विश्वविद्यालय के बंद हो जाने से प्रभावित हुए भारतीय छात्रों के मसले को सुलझाने के लिए अमेरिका ने भारत के साथ पूरा सहयोग करने का वादा किया है लेकिन उसने कहा है कि अभी यह कहना बहुत मुश्किल है कि मामले में क्या कार्रवाई की जाएगी क्योंकि पूरी जांच लम्बित है। विदेश विभाग के प्रवक्ता पीजे क्राउले से जब बुधवार को संवाददाताओं ने प्रभावित छात्रों के भविष्य के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि मामले की जांच चल रही है। कैलीफोर्निया स्थित ट्राई-वैली बोगस विश्वविद्यालय वीजा धोखाधड़ी के आरोपों के चलते बंद हो गया। ट्राई-वैली विश्वविद्यालय में करीब 1,555 छात्र थे। इनमें से 90 प्रतिशत छात्र भारतीय हैं और उनमें ज्यादातर आंध्र प्रदेश से हैं। उनके छात्र वीजा को मान्य बनाए रखने के लिए जब तक उन्हें अन्य संस्थानों में प्रवेश नहीं मिल जाता तब तक उनके निर्वासन का खतरा बना रहेगा। क्राउले ने कहा, "हम इस बात को अच्छी तरह समझ रहे हैं कि छात्र इस मामले में फंस गए हैं।" इस मामले को अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन के समक्ष उठाया गया था और भारत स्थित अमेरिकी दूतावास व अमेरिका स्थित भारतीय दूतावास में भी इस पर चर्चा हुई है। उन्होंने कहा, "अमेरिका इस दिशा में सहयोगात्मक रवैया रखेगा, हम भारत सरकार के साथ हैं और इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं लेकिन अभी यह कहना मुश्किल है कि इस मामले में क्या किया जा सकता है क्योंकि अभी मामले की जांच चल रही है।" उन्होंने कहा, "हम इस मामले को लेकर और खासतौर पर वीजा धोखाधड़ी को लेकर चिंतित हैं। हमें इस दिशा में जांच जारी रखने की आवश्यकता है कि इस तरह की घटनाएं कैसे होती हैं और हमें भविष्य में ऐसा होने से रोकने के लिए हर संभव कोशिश करनी है।" भारतीय विदेशमंत्री एसएम कृष्णा और यहां की यात्रा पर पहुंचीं विदेश सचिव निरूपमा राव को दिए गए आश्वासन के विषय में पूछने पर उन्होंने कहा, "मैं आपसे वादा करना चाहता हूं कि जहां तक संभव होगा हम इस मामले में सरकार के साथ सहयोगात्मक ढंग से काम करेंगे और इन मामलों को सुलझाने में मदद करेंगे।"
This Article is From Feb 17, 2011