सऊदी अरब के सुलतान सलमान और अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की फाइल फोटो
वाशिंगटन:
अमेरिकी सीनेट ने सऊदी अरब को एक अरब डॉलर से ज्यादा के अमेरिका निर्मित टैंक और अन्य हथियार बेचने की ओबामा प्रशासन की योजना का समर्थन किया है. सीनेट के मतदान के नतीजों ने इस सौदे को पटरी से उतारने के उन सांसदों के प्रयास को विफल कर दिया है, जो यमन के गृहयुद्ध में सऊदी अरब की भूमिका के आलोचक हैं.
इस बिक्री का समर्थन करने वाले सीनेट सदस्यों ने कहा कि इस्लामिक स्टेट के चरमपंथियों से निपटने के लिए और क्षेत्र में ईरान की आक्रामकता को रोकने के लिए पश्चिमी एशिया में सहयोगी देशों को जिन हथियारों की जरूरत है, उसकी आपूर्ति से अमेरिका इनकार नहीं कर सकता.
सीनेट की आर्म्ड सर्विसेज कमेटी के अध्यक्ष सीनेटर जॉन मैक्केन ने कहा, 'इन टैंकों की बिक्री को रोकने के इस कदम की व्याख्या सिर्फ सउदी अरब ही नहीं बल्कि खाड़ी देशों के हमारे अन्य सहयोगी देश भी करेंगे. इसे एक ऐसे संकेत के रूप में देखा जा सकता है कि अमेरिका क्षेत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता से पीछे हट रहा है और वह एक अविश्वसनीय सुरक्षा साझेदार है.'
इस सौदे का विरोध करने वाला प्रस्ताव 71-27 के अंतर से विफल हुआ, लेकिन इसे लाने वाले सदस्यों ने कहा कि बहस ने यह दिखा दिया है कि यहां तक कि दीर्घकालिक एवं पश्चिमी एशियाई सहयोगी के मामले में भी हथियारों की बिक्री स्वत: नहीं होती. उन्होंने इस बात को स्थापित करने के लिए भी पर्याप्त समय लिया कि कांग्रेस विदेश नीति के फैसलों में, विशेषकर जिनमें सैन्य बल के प्रयोग की बात हो, एक बड़ी भूमिका निभाए.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
इस बिक्री का समर्थन करने वाले सीनेट सदस्यों ने कहा कि इस्लामिक स्टेट के चरमपंथियों से निपटने के लिए और क्षेत्र में ईरान की आक्रामकता को रोकने के लिए पश्चिमी एशिया में सहयोगी देशों को जिन हथियारों की जरूरत है, उसकी आपूर्ति से अमेरिका इनकार नहीं कर सकता.
सीनेट की आर्म्ड सर्विसेज कमेटी के अध्यक्ष सीनेटर जॉन मैक्केन ने कहा, 'इन टैंकों की बिक्री को रोकने के इस कदम की व्याख्या सिर्फ सउदी अरब ही नहीं बल्कि खाड़ी देशों के हमारे अन्य सहयोगी देश भी करेंगे. इसे एक ऐसे संकेत के रूप में देखा जा सकता है कि अमेरिका क्षेत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता से पीछे हट रहा है और वह एक अविश्वसनीय सुरक्षा साझेदार है.'
इस सौदे का विरोध करने वाला प्रस्ताव 71-27 के अंतर से विफल हुआ, लेकिन इसे लाने वाले सदस्यों ने कहा कि बहस ने यह दिखा दिया है कि यहां तक कि दीर्घकालिक एवं पश्चिमी एशियाई सहयोगी के मामले में भी हथियारों की बिक्री स्वत: नहीं होती. उन्होंने इस बात को स्थापित करने के लिए भी पर्याप्त समय लिया कि कांग्रेस विदेश नीति के फैसलों में, विशेषकर जिनमें सैन्य बल के प्रयोग की बात हो, एक बड़ी भूमिका निभाए.
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