चीन ने मसूद अजहर को यूएन के आतंकियों की सूची में शामिल किए जाने के खिलाफ वीटो इस्तेमाल किया था
संयुक्त राष्ट्र:
अमेरिका ने पाकिस्तान आधारित जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने के संयुक्त राष्ट्र के प्रयासों पर चीन के लगातार विरोध के बीच कहा है कि जो देश आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाने से रोकने के लिए वीटो का इस्तेमाल कर रहे हैं, वे उसे कार्रवाई करने से नहीं 'रोक' पाएंगे.
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निकी हेली ने संवाददाताओं से कहा, 'प्रशासन इन सभी रास्तों पर विचार कर रहा है और हमने जिन कुछ चीजों पर बात की है, वे प्रतिबंधों से संबंधित हैं और यह हैं कि कौन सूची में है तथा कैसे हमें इनसे निपटना है.' हेली ने अप्रैल के लिए सुरक्षा परिषद की अध्यक्ष की भूमिका संभालने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की है.
उनसे आतंकवादियों खास तौर से दक्षिण एशिया क्षेत्र के आतंकवादियों को संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के तहत लाने के प्रयासों और कैसे अन्य स्थायी सदस्य वीटो की शक्ति का इस्तेमाल कर इन प्रयासों को रोक रहे हैं, इसके बारे में पूछा गया था.
हेली ने कहा कि ऐसे लोग हैं जो कुछ मुद्दों पर वीटो करते हैं, लेकिन यह अमेरिका को कार्रवाई करने से नहीं रोकता है और निश्चित तौर पर हमें इससे नहीं रोकता कि क्या हम इसमें बदलाव कर सकते हैं.' अमेरिका चाहता है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि वह 'परिणाम' की ओर बढ़ रहा है और 'चुपचाप नहीं बैठा' है और चीजों को ऐसे ही चलते रहने नहीं दे सकता.
चीन ने सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के रूप में पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र के आतंकवादियों की सूची में शामिल किए जाने के खिलाफ वीटो का इस्तेमाल किया था. गौरतलब है कि मसूद भारत में पठानकोट वायुसेना अड्डे पर हुए आतंकवादी हमले का साजिशकर्ता है।
इसके अलावा मुंबई में 2008 में हुए आतंकवादी हमले के मुख्य साजिशकर्ता जकी-उर-रहमान लखवी को पाकिस्तान द्वारा रिहा किए जाने के समय भी चीन ने पाकिस्तान का बचाव किया था, जबकि लखवी पहले से संयुक्त राष्ट्र के आतंकवादियों की सूची में शामिल है। मुंबई हमले में 160 से अधिक लोगों की मौत हुई थी.
(इनपुट एजेंसियों से)
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत निकी हेली ने संवाददाताओं से कहा, 'प्रशासन इन सभी रास्तों पर विचार कर रहा है और हमने जिन कुछ चीजों पर बात की है, वे प्रतिबंधों से संबंधित हैं और यह हैं कि कौन सूची में है तथा कैसे हमें इनसे निपटना है.' हेली ने अप्रैल के लिए सुरक्षा परिषद की अध्यक्ष की भूमिका संभालने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की है.
उनसे आतंकवादियों खास तौर से दक्षिण एशिया क्षेत्र के आतंकवादियों को संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के तहत लाने के प्रयासों और कैसे अन्य स्थायी सदस्य वीटो की शक्ति का इस्तेमाल कर इन प्रयासों को रोक रहे हैं, इसके बारे में पूछा गया था.
हेली ने कहा कि ऐसे लोग हैं जो कुछ मुद्दों पर वीटो करते हैं, लेकिन यह अमेरिका को कार्रवाई करने से नहीं रोकता है और निश्चित तौर पर हमें इससे नहीं रोकता कि क्या हम इसमें बदलाव कर सकते हैं.' अमेरिका चाहता है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि वह 'परिणाम' की ओर बढ़ रहा है और 'चुपचाप नहीं बैठा' है और चीजों को ऐसे ही चलते रहने नहीं दे सकता.
चीन ने सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के रूप में पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र के आतंकवादियों की सूची में शामिल किए जाने के खिलाफ वीटो का इस्तेमाल किया था. गौरतलब है कि मसूद भारत में पठानकोट वायुसेना अड्डे पर हुए आतंकवादी हमले का साजिशकर्ता है।
इसके अलावा मुंबई में 2008 में हुए आतंकवादी हमले के मुख्य साजिशकर्ता जकी-उर-रहमान लखवी को पाकिस्तान द्वारा रिहा किए जाने के समय भी चीन ने पाकिस्तान का बचाव किया था, जबकि लखवी पहले से संयुक्त राष्ट्र के आतंकवादियों की सूची में शामिल है। मुंबई हमले में 160 से अधिक लोगों की मौत हुई थी.
(इनपुट एजेंसियों से)
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