
- बीआरएस के विधायक पदी कौशिक रेड्डी ने मुख्यमंत्री रेड्डी पर बड़े पैमाने पर अवैध फोन टैपिंग का आरोप लगाया है.
- विधायक का कहना है कि सीएम ने कई महिला सेलिब्रिटीज के फोन टैप कराए हैं और खुद फोन टैपिंग की बात स्वीकार की है.
- वहीं एक और विधायक ने सीबीआई और ईडी से जांच की मांग की और सीएम को लाई डिटेक्टर टेस्ट कराने की चुनौती दी है.
तेलंगाना में फोन टैपिंग का मामला गर्माता जा रहा है. भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के विधायक पदी कौशिक रेड्डी ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी पर बड़े स्तर पर अवैध फोन निगरानी का आरोप लगाया है. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जो काफी नाटकीय थी, उसमें पदी कौशिक रेड्डी ने दावा किया है कि पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (केसीआर), के.टी. रामा राव (केटीआर) और टी. हरीश राव समेत प्रमुख बीआरएस नेताओं के फोन अवैध रूप से टैप किए जा रहे हैं. सिर्फ इतना ही नहीं रेड्डी पर आरोप है कि उनकी सरकार में कई फीमेल सेलिब्रिटीज के फोन भी टैप किए गए हैं.
सीएम ने मानी टैपिंग की बात
बीआरएस का दावा है कि इस काम को अंजाम देने के लिए रेवंत रेड्डी ने प्राइवेट हैकर्स तक को हायर किया था. कौशिक रेड्डी ने चौंकाने वाले दावा में कहा कि मुख्यमंत्री ने खुद फोन टैपिंग की बात को स्वीकार किया है. कौशिक रेड्डी की मानें तो सीएम रेड्डी ने कहा है कि 'क्या हो रहा है' यह जानना जरूरी है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनकी पत्नी का फोन भी टैप किया जा रहा था. उनका कहना है कि रेवंत रेड्डी ने दो मंत्रियों के बीच टैप की गई बातचीत से मिली जानकारी का इस्तेमाल उनमें से एक को फटकार लगाने के लिए किया था.
लाई डिटेक्टर टेस्ट की चुनौती
कौशिक रेड्डी ने इस पूरे मामले में सीबीआई और ईडी जांच की मांग की है. साथ ही उन्होंने सवाल उठाया है कि फोन टैपिंग से जुड़ी उनकी पिछली शिकायत पर मामला क्यों नहीं दर्ज किया गया. पदी कौशिक रेड्डी से पहले बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष केटीआर की तरफ से भी इसी तरह के दावे किए गए थे. केटीआर ने सीएम रेवंत रेड्डी पर तीखा हमला किया था. केटीआर ने रेवंत रेड्डी पर उपमुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क, राजस्व मंत्री पोंगुलेटी श्रीनिवास रेड्डी और सिंचाई मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी सहित अपने ही कैबिनेट सहयोगियों के फोन टैप करने का आरोप लगाया था. केटीआर ने रेवंत रेड्डी को अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए लाई डिटेक्टर टेस्ट कराने की चुनौती भी दी थी.
कांग्रेस ने किया पलटवार
वहीं, सत्तारूढ़ कांग्रेस ने मौजूदा फोन टैपिंग के आरोपों का पुरजोर खंडन किया है. कांग्रेस सांसद चमाला किरण कुमार रेड्डी ने केटीआर के दावों के जवाब में पलटवार किया और कहा कि बीआरएस के सत्ता में रहने के दौरान केटीआर ने खुद अपनी बहन के. कविता के फोन टैपिंग के आदेश दिए थे. उपमुख्यमंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क ने भी केटीआर के फोन टैपिंग के दावों का सार्वजनिक तौर पर खंडन किया है. हालांकि मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने एक अनौपचारिक बातचीत में कहा था कि अगर 'सही अनुमति' के साथ फोन टैपिंग की जाए तो यह गैरकानूनी नहीं है और उनकी सरकार इसमें शामिल है. लेकिन इस बयान की आलोचना हुई है और पिछले फोन टैपिंग की चल रही जांच की वैधता पर सवाल उठे हैं.
एक मामले की जांच जारी
इस बीच एक स्पेशल इनवेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) पिछले बीआरएस कार्यकाल के दौरान हुई अवैध फोन टैपिंग के विस्तृत आरोपों की सक्रिय तौर पर जांच कर रहा है. एसआईटी की जांच में बड़े पैमाने पर फोन टैपिंग का खुलासा हुआ है. रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि राजनेताओं, व्यापारियों, न्यायाधीशों, पत्रकारों और यहां तक कि आईपीएस और आईएएस अधिकारियों के फोन टैप किए गए थे. इस जांच में पूर्व विशेष खुफिया ब्यूरो (एसआईबी) प्रमुख टी. प्रभाकर राव मुख्य आरोपी हैं और कई पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है. केंद्रीय मंत्री बंदी संजय कुमार और तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) के अध्यक्ष बी महेश कुमार गौड़ सहित कई नेताओं ने एसआईटी के समक्ष गवाही दी है. उन्होंने दावा किया है कि बीआरएस कार्यकाल के दौरान उनके फोन भी अवैध तौर पर इंटरसेप्ट किए गए थे.
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