मुंबई पर 26/11 को हुए आतंकी हमले की फाइल फोटो
वाशिंगटन:
अमेरिका ने मुंबई पर साल 2008 में हुए आतंकवादी हमलों के दोषियों को सजा और पीड़ितों को न्याय दिलाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि वह इस मामले में भारत की हर तरीके से मदद करने के लिए तैयार है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता डॉन किर्बी ने कहा, 'हमने बहुत पहले भी कहा था कि हम मुंबई हमले के गुनहगारों को सजा दिलाना चाहते हैं।'
किर्बी से पूछा गया था कि मुंबई अदालत ने हेडली को सरकारी गवाह बनाने के बाद माफी दे दी है। उन्होंने कहा, 'इस संबंध में अमेरिका भारतीय प्रशासन की हर तरह से मदद करना जारी रखेगा।'
किर्बी ने अमेरिकी अदालत द्वारा हेडली को 35 साल की सजा के बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि यह मामला अभी अदालत में चल रहा है तो इस पर अभी टिप्पणी करना अनुचित होगा।' किर्बी का कहना है कि अमेरिका मुंबई हमलावरों को न्याय के कठघरे में लाकर खड़ा करेगा।
यह पूछने पर कि क्या अमेरिकी विदेश मंत्रालय आतंकवादियों की खुफिया जानकारी साझा करने में कोई भूमिका निभा रहा है, जिसका भारतीय रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने जिक्र किया है। किर्बी ने कहा, 'यकीनन, भारत एक बहुत ही करीबी मित्र और साझेदार है। और मुझे लगता है कि हाल के कुछ वर्षों में दोनों ही देश आतंकवाद से त्रस्त रहे हैं और इन्हें आतंकवाद को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है। इसलिए हमें अधिक निकटता से काम करने और दोनों देशों के बीच जानकारियों के आदान-प्रदान में सुधार की जरूरत है।'
किर्बी ने आगे कहा, 'मैं रक्षा मंत्रालय के हवाले से नहीं कह सकता। विदेश मंत्रालय के रूप में हम भारत सरकार के अपने समकक्षों के साथ अच्छे संबंधों को बनाए रखेंगे।' उन्होंने कहा, 'मैं खुफिया जानकारियों के बारे में बात नहीं करूंगा लेकिन मैं यह बताना चाहता हूं कि दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत रहेंगे।'
किर्बी से पूछा गया था कि मुंबई अदालत ने हेडली को सरकारी गवाह बनाने के बाद माफी दे दी है। उन्होंने कहा, 'इस संबंध में अमेरिका भारतीय प्रशासन की हर तरह से मदद करना जारी रखेगा।'
किर्बी ने अमेरिकी अदालत द्वारा हेडली को 35 साल की सजा के बारे में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि यह मामला अभी अदालत में चल रहा है तो इस पर अभी टिप्पणी करना अनुचित होगा।' किर्बी का कहना है कि अमेरिका मुंबई हमलावरों को न्याय के कठघरे में लाकर खड़ा करेगा।
यह पूछने पर कि क्या अमेरिकी विदेश मंत्रालय आतंकवादियों की खुफिया जानकारी साझा करने में कोई भूमिका निभा रहा है, जिसका भारतीय रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने जिक्र किया है। किर्बी ने कहा, 'यकीनन, भारत एक बहुत ही करीबी मित्र और साझेदार है। और मुझे लगता है कि हाल के कुछ वर्षों में दोनों ही देश आतंकवाद से त्रस्त रहे हैं और इन्हें आतंकवाद को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है। इसलिए हमें अधिक निकटता से काम करने और दोनों देशों के बीच जानकारियों के आदान-प्रदान में सुधार की जरूरत है।'
किर्बी ने आगे कहा, 'मैं रक्षा मंत्रालय के हवाले से नहीं कह सकता। विदेश मंत्रालय के रूप में हम भारत सरकार के अपने समकक्षों के साथ अच्छे संबंधों को बनाए रखेंगे।' उन्होंने कहा, 'मैं खुफिया जानकारियों के बारे में बात नहीं करूंगा लेकिन मैं यह बताना चाहता हूं कि दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत रहेंगे।'
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