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This Article is From Nov 02, 2020

US Presidential Election: अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए मतदान कल, जानें इसे जुड़ी अहम बातें

अमेरिका की आम जनता कल यानी तीन नवंबर को राष्ट्रपति पद के लिए मतदान करेगी. आइये जानते हैं अमेरिकी चुनाव की ऐसी कुछ बारीकियां...

US Presidential Election: अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए मतदान कल, जानें इसे जुड़ी अहम बातें
US President Election 2020: रिपब्लिकन प्रत्याशी डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेट जो बाइडेन में है टक्कर
नई दिल्ली:

अमेरिका की आम जनता कल यानी तीन नवंबर को राष्ट्रपति पद (US Presidential Elections) के लिए मतदान करेगी. इन चुनावों पर दुनिया भर के दिग्गजों की निगाहें टिकी हुई हैं. इस बार मुकाबला डेमोक्रेटिक पार्टी (Democrats) के उम्मीदवार जो बाइडेन (Joe Biden) और रिपब्लिकन पार्टी (Republicans) के उम्मीदवार व वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के बीच है. बताते चलें कि अमेरिका में दो दलों की व्यवस्था हावी है. ऐसे में रिपब्लिकन और डेमोक्रेट प्रत्याशियों के बीच ही राष्ट्रपति पद को लेकर टक्कर रहती है. इस बार यह अमेरिका का यह 59वां राष्ट्रपति चुनाव है. आइये जानते हैं अमेरिकी चुनाव (US Presidential Elections) की ऐसी कुछ बारीकियां...

उम्रदराज ट्रंप और बाइडेन की टक्कर
इस बार मुकाबला रिपब्लिकन प्रत्याशी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक प्रत्याशी जो बाइडेन के बीच है. बाइडेन डेमोक्रेट प्रत्याशी बराक ओबामा के शासनकाल में उप राष्ट्रपति थे. राष्ट्रपति पद के लिए घोषित पार्टी प्रत्याशी वाइस प्रेसीडेंट के लिए अपनी पसंद भी घोषित करता है. बाइडेन ने कमला हैरिस को और ट्रंप ने मौजूदा उप राष्ट्रपति माइक पेंस को चुना है. जो भी राष्ट्रपति चुनाव जाएगा, उसी पार्टी का वाइस प्रेसीडेंट भी होगा.

खास बातें---
33 करोड़ के करीब अमेरिका की आबादी
23 करोड़ वैध वोटर राष्ट्रपति चुनाव में 
40 लाख कर चुके मतदान पोस्टल बैलेट से
32 साल से प्रेसिडेंट के दो टर्म का सिलसिला 

रोचक तथ्य---
रिपब्लिकन को ग्रैंड ओल्ड पार्टी भी कहा जाता है.चुनाव चिन्ह हाथी है
डेमोक्रेटिक पार्टी लिबरल पार्टी है और उसके चुनाव चिन्ह गधा है

प्राइमरी में चुने जाते हैं प्रत्याशी
अमेरिका में चुनावी प्रक्रिया साल भर पहले ही शुरू हो जाती है. दोनों पार्टी में तमाम नेता राष्ट्रपति उम्मीदवारी के लिए दावा ठोकते हैं. सभी 50 प्रांतों में दोनों दल आंतरिक मतदान कराते हैं, इस तरह सबसे ज्यादा समर्थन पाने वाले नेता को संबंधित पार्टी अपना उम्मीदवार घोषित करती है.

पोस्टल बैलेट बेहद लोकप्रिय
अमेरिका में सभी नागरिकों को पोस्टल बैलेट से भी मतदान का हक है, अगर उस राज्य ने इसकी अनुमति दे रखी है. 2016 के चुनाव में 3.3 करोड़ ने पोस्टल बैलेट के जरिये तीन नवंबर से पहले ही वोट डाल दिया था. फिलहाल 33 राज्य और डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया में इसकी अनुमति है. पोस्टल बैलेट की गिनती के कारण नतीजों की घोषणा में देरी हो सकती है.

कैसे काम करती है मतदान प्रणाली
वोटर सीधे तौर पर रिपब्लकिन और डेमोक्रेट में से एक प्रत्याशी को वोट करते हैं. कभीकभार निर्दलीय उम्मीदवार भी होते हैं जैसे इस बार सेलेब्रिटी केन्ये वेस्ट.

स्विंग वोटर्स और स्विंग स्टेट्स पर नजर
अमेरिका में तमाम प्रांत को डेमोक्रेट या रिपब्लिकन के गढ़ हैं, लेकिन कुछ राज्य और उनके मतदाता हर चुनाव में पाला बदल लेते हैं. इन्हें स्विंग स्टेट्स या वोटर्स कहा जाता है, अक्सर चुनाव में इनका रुख निर्णायक रहता है.

सबसे ज्यादा वोटों से नहीं होता है फैसला
अमेरिकी वोटर वोट तो पसंदीदा प्रत्याशी को डालते हैं, लेकिन सबसे ज्यादा वोट पाने वाला राष्ट्रपति हो यह निश्चित नहीं है. दरअसल, हर राज्य में एक निश्चित निर्वाचन प्रतिनिधि (इलेक्टोरल कॉलेज) होते हैं. मसलन कैलीफोर्निया में 55 निर्वाचक प्रतिनिधि तय हैं, प्रांत में जिसे सर्वाधिक वोट मिलेंगे, उसी के ये सारे इलेक्टोरल कॉलेज माने जाएंगे. 2016 में ट्रंप से ज्यादा वोट पाने के बावजूद डेमोक्रेटिक प्रत्याशी हिलेरी क्लिंटन प्रेसिडेंट नहीं बन पाईं

270 का मैजिक नंबर
सभी 50 प्रांतों और डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया को लेकर कुल 538 निर्वाचक प्रतिनिधि होते हैं, इनमें से जो प्रत्याशी 270 का मैजिक नंबर पा लेता है, वही राष्ट्रपति बनता है.

अमेरिकी संसद (कांग्रेस) के भी होते हैं चुनाव
प्रेसिडेंट इलेक्शन के साथ अमेरिकी कांग्रेस के निचले सदन प्रतिनिधि सभा और सीनेट का भी चुनाव होता है. प्रतिनिधि सभा की सभी 435 सीटों पर मतदान होगा. जबकि सीनेट की 100 में से एक तिहाई यानी 33 सीटों पर चुनाव होगा.

शपथग्रहण की तारीख भी तय
राष्ट्रपति चुनाव भले ही नवंबर में पूरा हो जाए पर नवनियुक्त राष्ट्रपति अगले साल 20 जनवरी को पद ग्रहण करता है.

अधिकतम 8 साल कार्यकाल
अमेरिका में राष्ट्रपति का कार्यकाल अधिकतम आठ वर्ष हो सकता है. यानी कोई भी व्यक्ति दो बार राष्ट्रपति रह सकता है.

ट्रंप हारे तो 32 साल का रिकॉर्ड टूटेगा
अगर डोनाल्ड ट्रंप चुनाव हारते हैं तो 1988 में जॉर्ज बुश सीनियर के बाद पहले राष्ट्रपति होंगे, जिन्हें दूसरा कार्यकाल नहीं मिला. 1989-1993 तक सीनियर बुश के शासन के बाद बिल क्लिंटन (डेमोक्रेट), जॉर्ज बुश (रिपब्लिकन) और बराक ओबामा (डेमोक्रेट) क्रमश – आठ साल राष्ट्रपति रहे. ट्रंप अपना चार साल का एक टर्म पूरा कर चुके हैं.

बाइडेन जीते तो सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति होंगे
ट्रंप की उम्र 74 वर्ष और बाइडेन 78 साल के हैं, अगर बाइडेन को जीत हासिल होती है तो वह अमेरिकी चुनाव में सबसे उम्रदराज प्रेसिडेंट होंगे.


अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव 2020 में किस पार्टी का कौन है प्रत्याशी?
मतदान : मंगलवार, 3 नवंबर, 2020
प्रत्याशीडोनाल्ड ट्रंपजो बिडेन
पार्टीरिपब्लिकनडेमोक्रेटिक
गृहराज्यफ्लोरिडाडेलावेयर
सहयोगीमाइक पेन्सकमला हैरिस

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