अमेरिकी (United States) अगुवाई वाले 65 देशों ने तालिबान (Taliban) को चेतावनी दी है कि अफगानिस्तान छोड़ने वालों को सुरक्षित निकलने दें और अगर उनके साथ कोई बदसलूकी की गई तो अंजाम बुरा होगा. अमेरिका उन 65 देशों के गठबंधन में शामिल हो गया है, जो अफगानिस्तान छोड़ने की सोच रहे अफगानी नागरिकों और विदेशियों की मदद कर रहा है. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने ट्विटर पर यह लिखा. जबकि अमेरिकी विदेश विभाग ने समूह के अन्य सदस्य देशों के साथ साझा बयान जारी कर यह संदेश दिया. तालिबान के काबुल (Kabul) पर कब्जा जमा लेने और वहां से लोगों के बाहर निकलने को लेकर मची भगदड़ के बीच यह बयान जारी किया गया है.
दरअसल, तालिबान ने एक माह से भी कम वक्त में पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा जमा लिया है. काबुल पर भी उसने कब्जा जमा लिया है. अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी और सरकार के अन्य नुमाइंदे तजाकिस्तान भाग गए हैं. गनी का कहना है कि खूनखराबा होने से रोकने के लिए उन्होंने ऐसा किया है. अमेरिका ने काबुल के हामिद करजई एयरपोर्ट पर नियंत्रण बनाए रखा है. खबरें यह भी हैं कि अमेरिका ने एयरपोर्ट पर अपने सैनिकों की मौजूदगी पहले से बढ़ाई है. अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य देश वहां से अफगानियों और विदेशी नागरिकों को सुरक्षित निकालने के अभियान में जुटे हुए हैं.
अमेरिकी विदेश विभाग ने संयुक्त तौर पर उन 65 देशों के साथ एक संयुक्त बयान (https://t.co/lsNdsPETsW) जारी कर भी यह अपील की है. इसमें तालिबान से किसी भी अफगानी या विदेशी नागरिक को सुरक्षित देश से निकलने देने की अपील है.
अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकेन ने ट्वीट कर कहा कि अफगानिस्तान में जो भी सत्ता और प्रशासनिक नियंत्रण हाथ में लिए हुए है, उसकी यह जिम्मेदारी है कि हर मानव नागरिक की सुरक्षा की जाए. शांति और कानून व्यवस्था कायम रहे. देश सुरक्षित छोड़ना चाह रहे लोगों को पूरी सुरक्षा मुहैया कराई जाए. देश के एय़रपोर्ट, सड़क और सीमावर्ती इलाकों को खोले रहने दिया जाए. अगर किसी नागरिक को नुकसान पहुंचाया गया तो इसकी जिम्मेदारी उन पर होगी.
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