भारत के साथ संबंधों में आई बदलाव की बयार का लाभ लेने के लिए अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी नई सरकार के साथ अहम मुद्दों पर बातचीत के लिए बुधवार को दिल्ली पहुंचेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सितंबर के आखिर में होने वाली यात्रा से दो महीने पहले केरी यहां के दौरे पर आ रहे हैं। केरी के दौरे का उद्देश्य संप्रग शासन के आखिरी बरसों में द्विपक्षीय संबंधों में आती दिखी शिथिलता को कुछ स्फूर्ति प्रदान करना है।
अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान केरी रणनीतिक सहयोग, ऊर्जा एवं जलवायु परिवर्तन, शिक्षा और विकास, अर्थव्यवस्था, व्यापार एवं कृषि, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य एवं नवोन्मेष के महत्वपूर्ण विषयों पर अपनी भारतीय समकक्ष सुषमा स्वराज के साथ 31 जुलाई को पांचवें भारत-अमेरिका रणनीतिक वार्ता में शरीक होंगे।
यहां की यात्रा से पहले केरी ने वाशिंगटन में कहा कि भारत के साथ हमारे संबंधों में यह संभवत: एक परिवर्तनकारी क्षण है और हम रणनीति एवं ऐतिहासिक अवसरों पर काम करने को प्रतिबद्ध हैं जो हम साथ मिल कर बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका और भारत को 21वीं सदी के लिए अपरिहार्य साझेदार हो सकते हें और इन्हें होना चाहिए।
वह मोदी से बात करेंगे, जिन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने सितंबर में एक बैठक के लिए आने का न्योता दिया है। गौरतलब है कि पिछले साल के आखिर में भारत-अमेरिका संबंध को उस वक्त एक झटका लगा था जब भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े को न्यूयार्क में गिरफ्तार कर लिया गया, उनकी तलाशी ली गई और उन पर वीजा जालसाजी का आरोप लगाया गया।
केरी के बेंगलुरू की यात्रा करने की भी उम्मीद है। उनके साथ वाणिज्य मंत्री पेनी प्रित्जकर भी होंगे।
अमेरिकी विदेश मंत्री के साथ प्रित्जकर सहित एक उच्च स्तरीय अंतर एजेंसी शिष्टमंडल होगा।
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