अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि शीर्ष ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या करके अमेरिका ने ‘सही किया है.'' पोम्पिओ ने ट्रम्प के फैसले को पूरी तरह से कानूनी और तेहरान की दुर्भावनापूर्ण गतिविधि से पैदा खतरे से मुकाबला करने की अमेरिका की रणनीति के अनुरूप बताते हुए इसका बचाव किया.
पोम्पिओ ने विदेश मंत्रालय में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अगर ईरान के खिलाफ बदले की कार्रवाई की जरुरत पड़ी, तो अमेरिका युद्ध के अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करेगा.
उनका बयान ऐसे वक्त में आया है जब ट्रंप ने कहा है कि अगर ईरान ने सुलेमानी का बदला लेने के लिए हमला किया तो अमेरिका उसके सांस्कृतिक स्थलों पर हमला करेगा.
वहीं, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के एक शीर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा कि पिछले हफ्ते अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे गए ईरान के शक्तिशाली रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स जनरल कासिम सुलेमानी अमेरिकी प्रतिष्ठानों पर हमला करने और अमेरिकी राजनयिकों की हत्या करने की साजिश रच रहे थे.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ ब्रायन ने व्हाइट हाउस में कहा, ‘‘वह अमेरिकी प्रतिष्ठानों और राजनयिकों पर हमला करने की साजिश रच रहे थे, उन प्रतिष्ठानों में सैनिक, नाविक, एयरमैन और मरीन थे.
उन्होंने हालांकि कहा कि सुलेमानी के मारे जाने से अमेरिका के खिलाफ खतरा टला नहीं है.
ब्रायन ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा,‘‘जब तक दुनिया में बुरे लोग हैं तब तक अमेरिकियों के लिए हमेशा खतरा है और ईरानी लोग पिछले कई दिनों से अमेरिका के लिए खतरे पैदा कर रहे हैं.''
ओ ब्रायन ने कहा,‘‘हम उन लोगों को गंभीरता से लेते हैं और हम उन्हें देख रहे हैं और उन पर निगाह रख रहे हैं. ....राष्ट्रपति ने अपने संदेश में बहुत स्पष्ट कहा है और हम आशा करते हैं कि वे डरें और वे अमेरिका और उसके हित पर हमला करने से पहले दो बार सोचें.''
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