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This Article is From Sep 18, 2021

भारतीय IT पेशेवरों के लिए खुशखबरी, US कोर्ट ने ट्रम्प काल में बने H-1B वीजा नियम किए रद्द 

ट्रम्प प्रशासन का यह नियम तकनीकी उद्योग के कर्मचारियों के साथ-साथ डॉक्टरों, लेखाकारों, प्रोफेसरों, वैज्ञानिकों और वास्तुकारों पर भी लागू होते थे. अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी और श्रम विभाग ने अक्टूबर 2020 में ये नियम जारी कर एच -1 बी वीजा कार्यक्रम को नया रूप दिया था.

भारतीय IT पेशेवरों के लिए खुशखबरी, US कोर्ट ने ट्रम्प काल में बने H-1B वीजा नियम किए रद्द 
अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने अक्टूबर 2020 में H-1B वीजा कार्यक्रम को नया रूप दिया था.
कैलिफोर्निया:

अमेरिका की एक संघीय अदालत के जज ने बुधवार को पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के कार्यकाल में किए गए H-1B वीजा नियमों में बदलाव को स्थायी रूप से खारिज कर दिया है. इस बदलाव के जरिए अमेरिकी कंपनियों को सस्ते विदेशी श्रमिकों की जगह देशी कामगारों को रखने के लिए बाध्य किया गया था.

लीगल न्यूज और अन्य समाचार मीडिया के लिए राष्ट्रव्यापी अमेरिकी समाचार सेवा, कोर्टहाउस न्यूज सर्विस के निकोलस इओविनो ने लिखा है कि एच -1 बी वीजा को प्रतिबंधित करने वाले नियम अवैध पाए गए क्योंकि वे होमलैंड सिक्योरिटी विभाग के कार्यकारी सचिव द्वारा जारी किए गए थे, जिन्हें गैरकानूनी रूप से नियुक्त किया गया था.

कोर्टहाउस न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, व्यवसायियों और विश्वविद्यालयों ने शिकायत की थी कि ट्रम्प प्रशासन की लॉटरी से एच -1 बी वीजा देने की प्रणाली से ऐसे आवेदकों का चयन रैंडमली करना पड़ता है जो उच्च-वेतन वाली नौकरियों को प्राथमिकता देते हैं. इससे अत्यधिक कुशल और दक्ष विदेशी श्रमिकों की नियुक्ति और छात्रों की भर्ती कठिन हो गई है.

ट्रम्प प्रशासन का यह नियम तकनीकी उद्योग के कर्मचारियों के साथ-साथ डॉक्टरों, लेखाकारों, प्रोफेसरों, वैज्ञानिकों और वास्तुकारों पर भी लागू होते थे. अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी और श्रम विभाग ने अक्टूबर 2020 में ये नियम जारी कर एच -1 बी वीजा कार्यक्रम को नया रूप दिया था.

कोर्टहाउस न्यूज सर्विस की रिपोर्ट के अनुसार, यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स के नेतृत्व में व्यावसायिक समूहों और शैक्षणिक संस्थानों के गठबंधन ने नए वीजा नियम को रोकने के लिए मुकदमा दायर किया था, जिसके बाद वरिष्ठ अमेरिकी जिला जज जेफरी व्हाइट ने पिछले साल दिसंबर में नियमों पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी थी.

जज व्हाइट ने पिछले साल पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा नन इमिग्रिशन वर्क वीजा को निलंबित करने के अलग प्रयास को भी रोक दिया था, और कहा था कि व्यापक परिवर्तनों के लिए  राष्ट्रपति की घोषणा में उनके पास अधिकार की कमी थी.

इओविनो ने कहा कि चैंबर ऑफ कॉमर्स और उसके सह-वादी ने कोर्ट में तर्क दिया कि नन इमिग्रिशन वर्क वीजा नियमों ने आव्रजन और राष्ट्रीयता अधिनियम का उल्लंघन किया है, जिसमें कहा गया था कि गैर-नागरिकों को एच -1 बी वीजा जारी किया जाना चाहिए. यह एक ऐसी प्रणाली थी जिसमें आवेदक का चयन वेतन स्तर के आधार पर होना था. वादियों ने कोर्ट में इसका विरोध किया था.

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