वाशिंगटन:
अमेरिका में पिछले तीन सालों में बॉलीवुड सितारे शाहरुख खान को दो बार रोके जाने की घटना पर अमेरिका ने सफाई देते हुए कहा है कि इस तरह की घटना किसी प्रकार के नियम या फिर जातीय भेदभाव का नतीजा नहीं है।
अमेरिका के गृहविभाग के प्रवक्ता मार्क टोनर ने कहा कि दोनों घटनाओं में कोई संबंध नहीं है।
टोनर ने कहा कि जब भी कोई ऐसा व्यक्ति अमेरिका का सफर करता है तब उसे अमेरिकी दूतावास को पहले ही सूचना दे देनी चाहिए ताकि वह आगे के कार्यक्रम अमेरिका में अधिकारियों को सूचित कर सकें जिससे किसी भी प्रकार के अप्रिय व्यवहार का सामना न करना पड़े। उनका कहना है कि अमेरिका में प्रतिदिन लाखों मुस्लिम लोग आते जाते हैं और उनमें सभी के साथ ऐसा नहीं होता है।
अमेरिका में भारतीय दूतावास के उपप्रमुख अरुण सिंह ने भारतीय संवेदनाओं के बारे में अमेरिका में दक्षिण और मध्य एशिया विभाग के सहायक सचिव रोबर्ट ब्लेक को बता दी थीं। टोनर ने घटना पर माफी मांगी और कहा कि यह किसी भी रूप में व्यक्तिगत आधार पर नहीं हुआ है।
इससे पहले बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान को अमेरिका में न्यूयार्क के एक हवाई अड्डे पर रोके जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए भारत ने शुक्रवार को अमेरिका के एक शीर्ष राजनयिक को तलब किया और विदेश मंत्री एस एम कृष्णा ने कहा कि लोगों को रोककर रखना और फिर माफी मांगना अमेरिका की आदत बन गई है और ऐसा जारी नहीं रह सकता।
अमेरिका की ‘यांत्रिक माफी’ को अपर्याप्त बताते हुए भारत ने वाशिंगटन स्थित अपनी राजदूत निरुपमा राव से कहा कि वह इस मुद्दे को वहां के सर्वोच्च अधिकारियों के समक्ष उठाएं। सूत्रों के अनुसार संयुक्त सचिव (अमेरिका) जावेद अशरफ ने अमेरिकी दूतावास के उप प्रमुख डोनाल्ड ल्यू को तलब किया और इस मुद्दे पर भारत की चिंता से उन्हें अवगत कराया।
येल विश्वविद्यालय में छात्रों को संबोधित करने के लिए एक निजी विमान से न्यूयार्क के व्हाइट प्लेंस हवाईअड्डा पहुंचे शाहरुख को आव्रजन अधिकारियों ने लगभग दो घंटे तक रोक कर रखा था। शाहरुख को आव्रजन मंजूरी भारतीय महावाणिज्य दूतावास के हस्तक्षेप के बाद ही दी गई।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भारतीय महावाणिज्य दूतावास के हस्तक्षेप के तुरंत बाद अमेरिकी सीमाशुल्क और सीमा सुरक्षा अधिकारियों ने उन्हें एक पत्र जारी कर माफी मांगी। सूत्रों के अनुसार कृष्णा ने कहा कि ‘रोककर रखना और फिर माफी मांगना’ अमेरिका की आदत बन गयी है तथा यह जारी नहीं रह सकता। कृष्णा फिलहाल त्रिपक्षीय मंत्रिस्तरीय बैठक में हिस्सा लेने के लिए मास्को में हैं।
विदेश मंत्रालय के सू़त्रों ने कहा, ‘‘ एक ही व्यक्ति के लिए बार बार समस्या उत्पन्न होना तथा वाणिज्य दूतावास के हस्तक्षेप के बाद आव्रजन मंजूरी मिलना तथा यांत्रिक माफी पर्याप्त नहीं है।’’ इस बीच अमेरिकी दूतावास ने शाहरूख को हवाई अड्डे पर रोके जाने के लिए माफी मांगी और कहा कि वह ऐसी व्यवस्था बनायेगा जिसमें इस तरह की परिस्थितियों से निपटने में मदद मिल सके। अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता पीटर व्रोमैन ने कहा कि कई अमेरिकी भारतीय फिल्मों के भारी प्रशंसक हैं तथा ‘‘महान अभिनेता’’ शाहरूख खान के काम का सम्मान करते हैं।
सूत्रों के अनुसार आव्रजन विभाग की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि कंप्यूटर में शाहरुख के नाम पर ‘विशेष चिह्न’ था और हवाई अड्डे पर तैनात अधिकारियों को उन्हें आव्रजन मंजूरी देने के लिए ‘वरिष्ठ’ अधिकारियों की स्वीकृति चाहिए थी। विदेश राज्यमंत्री परणीत कौर ने कहा कि केवल माफी मांगने से काम नहीं चलेगा। संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने भी शाहरुख को हवाई अड्डे पर रोके जाने की निंदा की और कहा कि जो कुछ भी हुआ, वह ‘उचित नहीं’ है।
अमेरिका के गृहविभाग के प्रवक्ता मार्क टोनर ने कहा कि दोनों घटनाओं में कोई संबंध नहीं है।
टोनर ने कहा कि जब भी कोई ऐसा व्यक्ति अमेरिका का सफर करता है तब उसे अमेरिकी दूतावास को पहले ही सूचना दे देनी चाहिए ताकि वह आगे के कार्यक्रम अमेरिका में अधिकारियों को सूचित कर सकें जिससे किसी भी प्रकार के अप्रिय व्यवहार का सामना न करना पड़े। उनका कहना है कि अमेरिका में प्रतिदिन लाखों मुस्लिम लोग आते जाते हैं और उनमें सभी के साथ ऐसा नहीं होता है।
अमेरिका में भारतीय दूतावास के उपप्रमुख अरुण सिंह ने भारतीय संवेदनाओं के बारे में अमेरिका में दक्षिण और मध्य एशिया विभाग के सहायक सचिव रोबर्ट ब्लेक को बता दी थीं। टोनर ने घटना पर माफी मांगी और कहा कि यह किसी भी रूप में व्यक्तिगत आधार पर नहीं हुआ है।
इससे पहले बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान को अमेरिका में न्यूयार्क के एक हवाई अड्डे पर रोके जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए भारत ने शुक्रवार को अमेरिका के एक शीर्ष राजनयिक को तलब किया और विदेश मंत्री एस एम कृष्णा ने कहा कि लोगों को रोककर रखना और फिर माफी मांगना अमेरिका की आदत बन गई है और ऐसा जारी नहीं रह सकता।
अमेरिका की ‘यांत्रिक माफी’ को अपर्याप्त बताते हुए भारत ने वाशिंगटन स्थित अपनी राजदूत निरुपमा राव से कहा कि वह इस मुद्दे को वहां के सर्वोच्च अधिकारियों के समक्ष उठाएं। सूत्रों के अनुसार संयुक्त सचिव (अमेरिका) जावेद अशरफ ने अमेरिकी दूतावास के उप प्रमुख डोनाल्ड ल्यू को तलब किया और इस मुद्दे पर भारत की चिंता से उन्हें अवगत कराया।
येल विश्वविद्यालय में छात्रों को संबोधित करने के लिए एक निजी विमान से न्यूयार्क के व्हाइट प्लेंस हवाईअड्डा पहुंचे शाहरुख को आव्रजन अधिकारियों ने लगभग दो घंटे तक रोक कर रखा था। शाहरुख को आव्रजन मंजूरी भारतीय महावाणिज्य दूतावास के हस्तक्षेप के बाद ही दी गई।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भारतीय महावाणिज्य दूतावास के हस्तक्षेप के तुरंत बाद अमेरिकी सीमाशुल्क और सीमा सुरक्षा अधिकारियों ने उन्हें एक पत्र जारी कर माफी मांगी। सूत्रों के अनुसार कृष्णा ने कहा कि ‘रोककर रखना और फिर माफी मांगना’ अमेरिका की आदत बन गयी है तथा यह जारी नहीं रह सकता। कृष्णा फिलहाल त्रिपक्षीय मंत्रिस्तरीय बैठक में हिस्सा लेने के लिए मास्को में हैं।
विदेश मंत्रालय के सू़त्रों ने कहा, ‘‘ एक ही व्यक्ति के लिए बार बार समस्या उत्पन्न होना तथा वाणिज्य दूतावास के हस्तक्षेप के बाद आव्रजन मंजूरी मिलना तथा यांत्रिक माफी पर्याप्त नहीं है।’’ इस बीच अमेरिकी दूतावास ने शाहरूख को हवाई अड्डे पर रोके जाने के लिए माफी मांगी और कहा कि वह ऐसी व्यवस्था बनायेगा जिसमें इस तरह की परिस्थितियों से निपटने में मदद मिल सके। अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता पीटर व्रोमैन ने कहा कि कई अमेरिकी भारतीय फिल्मों के भारी प्रशंसक हैं तथा ‘‘महान अभिनेता’’ शाहरूख खान के काम का सम्मान करते हैं।
सूत्रों के अनुसार आव्रजन विभाग की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि कंप्यूटर में शाहरुख के नाम पर ‘विशेष चिह्न’ था और हवाई अड्डे पर तैनात अधिकारियों को उन्हें आव्रजन मंजूरी देने के लिए ‘वरिष्ठ’ अधिकारियों की स्वीकृति चाहिए थी। विदेश राज्यमंत्री परणीत कौर ने कहा कि केवल माफी मांगने से काम नहीं चलेगा। संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने भी शाहरुख को हवाई अड्डे पर रोके जाने की निंदा की और कहा कि जो कुछ भी हुआ, वह ‘उचित नहीं’ है।
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